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'असमंजस में पड़ा है दिल '

Nandkishor Bhardwaj

7 अध्याय
1 लोगों ने खरीदा
7 पाठक

कुछ बेहतरीन कविताओं का संग्रह 

'asamanjas men pada hai dil '

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पुस्तक के भाग

1

मैं खुद को आईने में निहारते गया

6 नवम्बर 2021
3
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<div><br></div><div><br></div><div>मैं खुद को आईने में निहारते गया,</div><div>मैं ऐसे अपनी ज़िंदगी सं

2

असमंजस में पड़ा है दिल

6 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><br></div><div>असमंजस में पड़ा है दिल,</div><div>इसको अब समझाये कौन!</div><div>दो

3

तूफान हूँ समंदर हूँ

6 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><br></div><div>तूफान हूँ समंदर हूँ,</div><div>निज विचारों का मैं सिकंदर हू

4

हिंदी तो है पहचान अपनी

6 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><br></div><div>करबद्ध निवेदन मान्यवरों,</div><div>ये बुझती शमां जला लो जी।</div>

5

कैसे इनको Math पढ़ाऊँ

6 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"><br> कैसे इनको Maths पढ़ाऊँ<br> सुनने को राजी हों ,तब तो कुछ समझाऊँ।<br> कैसे इनको....<

6

अच्छा होता मैं टीचर ना होता

6 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div>अच्छा होता मैं teacher ना होता,</div><div>अपना भी कोई future तो होता।</div><div>

7

समय की कदर कर ले बंदे

6 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><br></div><div>"समय " की कदर कर ले बंदे,</div><div>जो गया ना वापस आएगा ।</div><d

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