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अतीत के पन्ने

sanjay kumar

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जब इन्सान का जन्म होता है तो जन्म के बाद बचपन से बुढ़ापे तक उसके अन्दर भावना जुड़ जाती हैकुछ जीवन की खट्टी यादें होती है कुछ मीठी यादें होती है जब आदमी की उम्र बढ़ने लगती है तो उसका अनुभव भी बढ़ने लगता हैउसके अतीत में बीती हुई घटनाओं को है काव्य का रूप देता है कुछ ग़ज़ल कहते हैं कुछ कवितायें कहते हैं कुछ अपने अनुभव के आधार से भविष्य में होने वाली बातों को कविता के रूप में ,काव्य के रूप में कहते हैं जब व्यक्ति अकेला बैठा होता है तो वे अपनी डायरी पर लिखे हुए अतीत के पन्नों को खोलता है तो नई ऊर्जा के साथ ज़िंदगी को अच्छी तरह जीने की कोशिश करता हैये जो लिखी हुई कुछ कविता है किसी के जीवन में काम आ सके तो मेरी लेखनी सार्थक हो जाएगी 

atiit ke pnne

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