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जिंदगी

26 फरवरी 2024

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क्या लिखूं तेरे बारे में जिंदगी।                                                अब तो मौत से यारी हो गई है।।
तूने बहुत सताया मुझे अब तो                                              तुझसे दूर जाने की तैयारी हो गई है।।
बहुत प्यार किया तुझसे है ऐ जिंदगी                                          पर तूने हमेशा मुझे ठुकराया है।                                            बहुत हंसने की कोशिश की मैंने                                               पर तूने मुझे हमेशा रुलाया है।।                                             क्या लिखूं तेरे बारे में जिंदगी                                                      अब तो मौत से यारी हो गई हैं।
कितने अरमानों से अरमान सजाये                                      जिंदगी में कुछ बन जाने के।
पर जिंदगी हर कदम पर तूने कांटे बिछा
कर ऐसे रास्ते बनाये मेरे टूट कर बिखर जाने के।।
 जिंदगी अब तो तेरे से नफरत सी होने लगी है।
अब तो जिंदगी तू खुद गुनहगार सी लगने लगी है।।
क्या लिखूं तेरे बारें में जिंदगी 
अब तो मौत से यारी हो गई हैं।
ऐ जिंदगी पंछी सा आजाद उड़ना चाहता हूं मैं।
बिना तेरे बंधन के ऐ जिंदगी अब जीना चाहता हूं।।
आजादी चाहिए ऐ जिंदगी तेरे से अब।                                    सच में अब तुझको बदलना चाहता हूं मैं।।
क्या लिखूं तेरे बारें में जिंदगी 
अब तो मौत से यारी हो गई हैं। 
प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने 👍👍✍️👌

2 मार्च 2024

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत खूब सर👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर भी अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏🙏

26 फरवरी 2024

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रचनाएँ
अतीत के पन्ने
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जब इन्सान का जन्म होता है तो जन्म के बाद बचपन से बुढ़ापे तक उसके अन्दर भावना जुड़ जाती हैकुछ जीवन की खट्टी यादें होती है कुछ मीठी यादें होती है जब आदमी की उम्र बढ़ने लगती है तो उसका अनुभव भी बढ़ने लगता हैउसके अतीत में बीती हुई घटनाओं को है काव्य का रूप देता है कुछ ग़ज़ल कहते हैं कुछ कवितायें कहते हैं कुछ अपने अनुभव के आधार से भविष्य में होने वाली बातों को कविता के रूप में ,काव्य के रूप में कहते हैं जब व्यक्ति अकेला बैठा होता है तो वे अपनी डायरी पर लिखे हुए अतीत के पन्नों को खोलता है तो नई ऊर्जा के साथ ज़िंदगी को अच्छी तरह जीने की कोशिश करता हैये जो लिखी हुई कुछ कविता है किसी के जीवन में काम आ सके तो मेरी लेखनी सार्थक हो जाएगी
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माँ

29 जनवरी 2024
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मेरे दिल को सुकून आता हैं जब माँ तु बुलाती हैं। क्या करू तेरा बच्चा, शहर छोड़ जाता हैं जब रोटी बुलाती हैं।। &nbsp

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मेरी माँ

30 जनवरी 2024
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क्या लिखू कविता तेरे पर माँ। मेरे जीवन का उजला हो माँ।। ठण्ड लगती हैं मेरे पैरों में माँ। उतार मोज़े अपने मुझें पहनाती हो माँ।। तेरे जीवन की क्या वर्णन करुँ माँ। लिखते लिखते कम पड़ जाती सियाही माँ।। पहच

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इंतजार

30 जनवरी 2024
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लेखक

30 जनवरी 2024
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अपनी बेबसी का दर्द किसको दिखता। &

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तुम्हारे शहर में आयेंगे

13 फरवरी 2024
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तुम्हारे शहर में हम शायर बन कर आयेंगे। अपनी अपबीती सबको सुना जायेंगे।। &nbsp

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14 फरवरी 2024
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सच्चे प्यार के दिन नहीं होते हैं। लोग प्यार को दिनों में बांधत

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पंछी का दर्द

17 फरवरी 2024
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सुबह हो गयी हैं सब जगने लगें हैं।सुबह के फूल भी खिलने लगें हैं।।बच्चें भी भूख से चिल्लाने लगे हैं।पंछी भी छत पर चहचाने लगे हैं।।बच्चें आवाज लगाते हैं हम भूखे हैं।पंछी भी चिल्लाते हैं हम भी भूखे हैं।।ब

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हीरा

20 फरवरी 2024
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मैं कांच का टुकड़ा हीरा ना बन पाया।बहुत तराशा खुद को पर हीरा ना बन पाया।।जो ना काबिल था वो काबिल बन गया।मैं काबिल होकर भी काबिल ना बन पाया। &nbs

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मातृभाषा हिंदी

23 फरवरी 2024
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सब भाषाओं का सम्मान करता हुँ।अपनी हिंदी भाषा से प्रेम करता हुँ।।भारत देश का वासी हुँ मैं।हिंदी में बात करता हुँ मैं।।मैं जहां भी जाता हूं मेरी पहचान मेरी हिंदी है।दिलों में बसने वाली ऐसी भाषा मेरी हिं

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मतलब

26 फरवरी 2024
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मतलब की भाषा सब जानते हैंअपने मतलब से सब पहचानते हैं।अपने मतलब से अपने मतलब के गुणगान करते हैं।निकल जाए मतलब वही मतलबी फिर बदनाम करते हैं। पहचानते हैं अपने मतलब से। रिश्ते

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जिंदगी

26 फरवरी 2024
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क्या लिखूं तेरे बारे में जिंदगी।

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