क्या लिखूं तेरे बारे में जिंदगी। अब तो मौत से यारी हो गई है।।
तूने बहुत सताया मुझे अब तो तुझसे दूर जाने की तैयारी हो गई है।।
बहुत प्यार किया तुझसे है ऐ जिंदगी पर तूने हमेशा मुझे ठुकराया है। बहुत हंसने की कोशिश की मैंने पर तूने मुझे हमेशा रुलाया है।। क्या लिखूं तेरे बारे में जिंदगी अब तो मौत से यारी हो गई हैं।
कितने अरमानों से अरमान सजाये जिंदगी में कुछ बन जाने के।
पर जिंदगी हर कदम पर तूने कांटे बिछा
कर ऐसे रास्ते बनाये मेरे टूट कर बिखर जाने के।।
जिंदगी अब तो तेरे से नफरत सी होने लगी है।
अब तो जिंदगी तू खुद गुनहगार सी लगने लगी है।।
क्या लिखूं तेरे बारें में जिंदगी
अब तो मौत से यारी हो गई हैं।
ऐ जिंदगी पंछी सा आजाद उड़ना चाहता हूं मैं।
बिना तेरे बंधन के ऐ जिंदगी अब जीना चाहता हूं।।
आजादी चाहिए ऐ जिंदगी तेरे से अब। सच में अब तुझको बदलना चाहता हूं मैं।।
क्या लिखूं तेरे बारें में जिंदगी
अब तो मौत से यारी हो गई हैं।