पश्चिमी एशिया में शान्ति की बढ़ती संभावनायें डॉ शोभा भारद्वाज यहूदियों का सम्पूर्ण इतिहास संघर्ष , संहार अपने स्थान से विस्थापित होने की दर्द भरी दास्तान है। विश्व के सभी देश ‘इजरायल’ की तरक्की पर हैरान है. यू एस राष्ट्रपति ट्रंप की उपस्थिति में संयुक्त अरब अमीरात ( यूएई) एवं इजरायल के बीच द्विपक्
कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के लिए चुनाव के पक्ष में उठती आवाज डॉ शोभा भारद्वाज आजादी के बाद पहली सरकार कांग्रेस की बनीं, वर्षों तक राज किया दल में एक से एक विद्वान राजनेता विचारक रहे हैं जिनके ऑटोग्राफ लेना उन्हें संभाल कर रखना छात्रों का शौक था .आज भी कांग्रेस म
अंधी ममता दिमाग की नहीं दिल की सुनती है ?डॉ शोभा भारद्वाज इंडोनेशिया एवं सिंगापुर की पृष्ट भूमि में लिखी कहानी यूनी 22 वर्षों से सिंगापुर में मेड का काम कर रही थी यहाँ इन्हें नैनी कहा जाता वह सिंगापूर की नागरिकता लेना चाहती है नहीं मिली वहाँ केवल पढ़े लिखे प्रतिभाव
रानी बेटी ,लाडो बेटीअसुरक्षित क्यों ?डॉ शोभा भारद्वाज देश में एक ही प्रश्न पूछा जा रहा है देश कीलगभग 48% आबादी महिलायें हैं |हर क्षेत्र में महिलायें पुरुष समाज से कमतर नहीं हैकई क्षेत्रों में आगे हैं |देश के विकास में उनका बराबर का योगदान है नेवी में एकमहिला पायलेट बनी , फाईटर पायलेट हैं लेकिन असुर
खाकी वर्दी, काला कोट विवाद डॉ शोभा भारद्वाज आजादीके बादसे कभीपुलिस वालोंको उद्वेलित होते नहींदेखा है जबकि वकीलअक्सर प्रदर्शन करते रहतेहैं खाकीवर्दी एवंकाला कोटका एक अलग तरहका रिश्ताहै पुलिसका महत्वपूर्ण काम अपराधीपकड़ना एवंउसे कोर्टमें हाजिरकरना है है वकीलअपराधी के पक्ष मेंदलील देकरउन्हें सजासे बचाने
अन्नकूट पर्यावरण प्रेम, एवं मिल बाँट कर खाने का अनुपम पर्व डॉ शोभा भारद्वाज वर्षा ऋतू समाप्त चुकी थी हर तरफ हरियालीही हरियाली थी गोकुल में घर घर उत्सव कीतैयारी चल रही थी कान्हा ग्वाल बालों के साथ संध्या को घर लौटे सोच मग्न इधर उधर
*मानव जीवन अनेक विचित्रताओं से भरा हुआ है | मनुष्य की इच्छा इतनी प्रबल होती है कि वह इस संसार में उपलब्ध समस्त ज्ञान , सम्पदायें एवं पद प्राप्त कर लेना चाहता है | अपने दृढ़ इच्छाशक्ति एवं किसी भी विषय में श्रद्धा एवं विश्वास के बल पर मनुष्य ने सब कुछ प्राप्त भी किया है | मानव जीवन में श्रद्धा एवं वि
!! भगवत्कृपा हि केवलम् !! इस धराधाम पर विधाता ने अद्भुत मैथुनी सृष्टि की है | नर एवं नारी का जोड़ा उत्पन्न करके दोनों को एक दूसरे का पूरक बनाया | बिना एक दूसरे के सहयोग के सृष्टि का सम्पादन नहीं हो सकता | नर एवं नारी की महत्ता को दर्शाते हुए भगवान शिव ने भी अर्द्धनारीशवर का स्वरूप धारण किया है