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बात यहाँ न हिन्दू की है बात नही इस्लाम की भारत माँ के बेटे है हम बात है उस सम्मान की

25 नवम्बर 2015

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महाकाल के अंगने में तो सैफी वाद्य बजाता है /हाथ कगनिया लाख के कंगन मोहम्मद खान पकाता है /ख्वाजा के दर पर तो पूरा भारत शीश झुकाता है /लोटा बना मुरादाबादी गंगाजल भरवाता है /बैठ रहीम की गाड़ी में तो रामेश्वर तक जाता है /बद्रीनाथ टैक्सी ले जाती ऑपरेटर रहमान की /बात यहाँ न हिन्दू की है बात नही इस्लाम की /भारत माँ के बेटे है हम बात है उस सम्मान की 

नृसिंह इनानी

नृसिंह इनानी

आदरणीय शुक्ल जी सादर धय्न्यवाद

28 नवम्बर 2015

गौरी कान्त शुक्ल

गौरी कान्त शुक्ल

बात यहाँ न हिन्दू की है बात नही इस्लाम की /भारत माँ के बेटे है हम बात है उस सम्मान की ! अति सुन्दर

27 नवम्बर 2015

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