बाबा रामदेव. पतंजलि वाले. रात दिन टीवी पर आते हैं. कभी ऊटपटांग बयान. कभी फिल्म वालों संग डांस. कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस. और जब ये सब नहीं तो उनके ऐड.
बाबा रामदेव. गूगल पर खूब खोजे जाते हैं. पर उनके और उनके साथी बालकृष्ण के बारे में कुछ चीजें अभी इंटरनेट पर नहीं आई हैं. हमें पता चल गई हैं. बरास्ते कौशिक डेका की किताब. बाबा रामदेव- फ्रॉम मोक्ष टु मार्केट. अब आप भी जान लीजिए.
1. बाबा रामदेव का जिक्र आते ही समलैंगिकता का सवाल आने लगता है. बाबा कहते हैं कि ये बीमारी है, जो मैं ठीक कर सकता हूं. ठीक ठीक इस विमर्श की शुरुआत बाबा के संदर्भ में कब हुई. इंडिया टुडे कॉनक्लेव, 2010 में. तब समलैंगिकता पर पहली मर्तबा रामदेव से सवाल पूछा गया. जवाब आया. कोई हाथ टेढ़ाकर खाना खाना चाहे तो मैं क्या कर सकता हूं.
तब से अब तक क्या बदला. इसे इस वाकये से सुनें. जो हुआ 2016 में. रामदेव के पास एक विदेशी चैनल का रिपोर्टर आया. यही सवाल पूछा. बाबा साथियों से बोले. ये विदेशी चैनल ड्रोन लेकर आएंगे. लेटेस्ट तकनीक दिखाएं. मगर सवाल उन्हें बाबा से समलैंगिकता पर ही पूछना है. बाकी काम पे ध्यान कम देते हैं ये.
2. बाबा रामदेव और बालकृष्ण आपस में संस्कृत में बात करते हैं. दोनों को ये अभ्यास गुरुकुल के दिनों से हुआ. वैसे रामदेव को बालकृष्ण की मातृभाषा नेपाली भी खूब आती है. इसके अलावा वह मराठी और गुजराती भी कुछ कुछ समझते हैं. अंग्रेजी सीखने का अभ्यास कर रहे हैं.
3. बाबा रामदेव के लिए सबसे कीमती चीज है उनका स्कूटर. बजाज कंपनी का. जो आज भी उनकी गौशाला में रखा रहता है. इसी पर सवार हो वह हरिद्वार में दवाइयां बेचते थे. नब्बे के दशक की शुरुआत में. इसीलिए इस स्कूटर को आज तक नहीं बेचा.
4. रामदेव सिर्फ अपने उत्पादों को लेकर ही नहीं, बाकी चीजों में भी स्वदेसी के आग्रही हैं. इसलिए महिंद्रा स्कॉर्पियो से ही चलते हैं. माइक्रोमैक्स का फोन यूज करते हैं. रामदेव की कुटिया के गेस्ट रूम वोल्टास का एसी लगा है. खुद उनके कमरे में एसी नहीं है. एक वीडियोकॉन का टीवी जरूर है. मगर उनके साथी बालकृष्ण इसके उलट हैं. पतंजलि के सीईओ महंगी लैंड रोवर में सफर करते हैं. आईफोन यूज करते हैं. दोनों में एक और बड़ा फर्क है. रामदेव बहुत बोलते हैं, मीडिया फ्रेंडली भी हैं. जबकि बालकृष्ण अकसर चुप रहते हैं. इंटरव्यू भी शायद ही कभी देते हों.
5. रामदेव को फोन करो तो कभी हैलो नहीं बोलते. ओम बोलते हैं. ये संबोधन सत्यार्थ प्रकाश के अनूकूल है, जिसे वह जीवन बदल देने वाली किताब मानते हैं. इसके संपर्क में वह हरियाणा में गुरुकुल में शुरुआती शिक्षा पाने के दौरान आए.
6. रामदेव की कुटीर में चार कमरे हैं. एक में मेहमान आते हैं. एक बेडरूम. एक लाइब्रेरी और एक किचेन. गेस्ट रूम में एसी है. बेडरूम में नहीं. बेडरूम में बेड है. बुक शेल्फ है. पढ़ाई की मेज है. बाबा फर्श पर सोते हैं. और इस तथ्य का अपने जुमले में इस्तेमाल भी करते हैं. बकौल रामदेव, मैं भले ही जमीन पर सोऊं. नौकरी पर करोड़ों की सैलरी वालों को रखता हूं.
बरास्ते कौशिक डेका की किताब. ‘द बाबा रामदेव फिनोमिना- फ्रॉम मोक्ष टु मार्केट’ आपको ऑनलाइन साइट अमेज़न पर आसानी से मिल जाएगी. रूपा पब्लिकेशन ने इस किताब को छापा है. इस किताब की कीमत 206 रुपए है.