आप शायद सनी लियोन की पॉर्न फिल्में देखते हैं. जाहिर है कि पॉर्न फिल्म पूरे कपड़े पहनकर तो शूट हो नहीं सकती. चूंकि इसमें संभोग दिखाते हैं, अतएव कपड़े उतार पूर्ण प्राकृतिक वेश में आना लाजिमी हो जाता है. हालांकि कुछ करतबबाज बिना कपड़े उतारे भी यह योग साधने का दावा करते हैं.
अब बात सनी लियोन की हिंदी फिल्मों की. सनी की भारत में एक खास किस्म की इमेज है. लोगों में एक सनसनी है कि अच्छा इंडिया की है. पंजाबी है. पहले पॉर्न फिल्में बनाती थी. अब एक्टिंग कर रही है. बड़ी आई. और प्रॉड्यूसर दर्शकों की इसी ग्रंथि को दुहने की कोशिश करते हैं.
अब तक आई कुछ फिल्मों में सनी लियोन को एक अडल्ट फिल्म स्टार के तौर पर, या नाचने वाली के तौर पर, या वेश्या के तौर पर पेश किया गया है. इससे दर्शक एक किस्म का तादात्म्य स्थापित कर लेता है. हालांकि मेरी नजर में यह एक छिछला प्रयोग है.
लेकिन अगर सनी की आने वाली फिल्मों की बात करें तो किसी में वह गांव की लड़की बनी हैं, तो किसी में प्रेमिका. चूंकि इतने सबके बावजूद उनका अतीत साथ चलता है, इसलिए डायरेक्टर दर्शकों की कोमल कठोर भावनाओं का ख्याल रखते हुए सनी के अपने बॉयफ्रेंड अथवा पति अथवा किसी और के साथ कुछ संभोग सीन और उत्तेजक मादक थिरकन वाले नृत्य रख देते हैं. मगर यहां भी फिल्में सेंसर बोर्ड के दायरे में रहती हैं. वे कुछ दिखाते हैं, कुछ छिपाते हैं. मगर दर्शक तब तक शुरुआती सीन की सीढ़ी पकड़ अपने ही बनाए स्वर्ग में कामना नृत्य करने लगता है.
ध्यान रखिए, ये बेबी डॉल तभी तक सोने की है, जब तक पर्दे पर उसके कद्रदान हैं. जब तक गूगल में सनी लियोन टाइप करने के लिए भारतीयों की उंगलियां मचल रही हैं. जब तक उनके देसी लुक के चर्चे हैं. आखिर में तो सबका एक ही हाल होना है. उड़ जाएगा हंस अकेला. जग दर्शन का मेला.