shabd-logo

2-बैच फ्लावर रैमेडीज

14 अप्रैल 2022

70 बार देखा गया 70

2- बैच फलावर रेमेडिस

डॉ0 एडवर्ड बैच एक ऐलोपैथिक चिकित्सक थे बाद में उनका रूझान होम्योपैथिक चिकित्सा की तरफ आकृषित हुआ । हाम्योपैथिक से मान्यता प्राप्त डिग्री प्राप्त कर होम्योपैथिक से चिकित्सा कार्य प्रारम्भ कर दिया । परन्तु उन्हाने अनुभव किया कि होम्योपैथिक में हजारों की सख्या में दवाये है एंव हजारों लक्षणों को समक्षना औरूमर फिर उपचार करना एक समस्या है । हमारे प्राचीनतम आयुर्वेद चिकित्सा में कहॉ गया है कि प्राणी जिस जगह पर रहता है उसके आस पास ही उसके उपचार की औषधियॉ भी मौजूद होती है । आयुर्वेद का कहॉ यह वाक्य वास्तव में एक गुण ज्ञान है । डॉ0 बैच ने भी यही बात अनुभव की उन्होने अनुभव किया कि जीव जन्तु जिस मौसम जलवायु व स्थान पर रहते है उनके उपचार की वनस्पतियॉ भी उन्ही स्थान जलवायु व मौसम में उपलब्ध होती है । उन्हाने देखा की विभिन्न प्रकार की जलवायु व स्थान में पैदा होने के बाद वे अपने आप को कैसे सुरक्षित रखते है । वे छैः वर्षो (1930.1936) तक जंगल में धुमते रहे एंव विभिन्न प्रकार के जंगली पेड पौधे व पुष्प आदि का संगृह करते रहे । चूंकि वे स्वयं एक होम्योपैथिक चिकित्सक थे अतः लक्षण विधान चिकित्सा एंव औषधियों के शक्तिकरण का उन्हे अच्छी तरह से ज्ञान था । उन्हाने विभिन्न प्रकार के पुष्पों को एकत्र किया एंव उन पुष्पों से औषधियॉ बनाई । जो बैच फलावर रेमैडिज के नाम से प्रचलित हुई । वैसे तो बैच फलावर रेमेडिस चिकित्सा न तो होम्योपैथिक चिकित्सा में अपनाई जाती है न ही इसे स्वतन्त्र रूप से मान्यता प्राप्त है । परन्तु अपनी उपयोगिता की वजह से यह चिकित्सा अपना अस्तित्व बनाये हुऐ है । इसकी उपयोगिता से प्रभावित हो कर कई होम्योपैथिक चिकित्सकों व अन्य चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों ने इसे अपनाया यहॉ तक कि कई जनसामान्य व्यक्ति भी इसकी उपयोगिता से प्रभावित हो कर इस चिकित्सा पद्धति से उपचार करने लगा । चूंकि यहॉ चिकित्सा पद्धति पूर्णतः प्राकृतिक पर आधारित है एंव इसके उपयोग से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव की अशंका नही रहती । बैच फलावर रैमिडीज में मानसिक लक्षणों पर विशेष रूप से ध्यान देकर औषधियों का निर्वाचन किया जाता है । इसमें कई एक से लक्षणों की औषधियों को आपस में मिलाकर दिया जा सकता है ।

बैच फलावर रेमेडिस में कुल 38 दवाये है । जिन्हे आपस में मिलाकर भी दिया जा सकता है । बैच फलावर की दवाये तरल रूप में मिलती है । जिन्हे होम्योपैथिक के ग्लूबिल्स में मिला कर या तरल औषधियों को आपस मे मिलाकर भी दिया जाता है । इसमें होम्योपैथिक की तरह से पोटेन्सी ढूढने की जरूरत भी नही पडती ।

डॉ0 बैच के सिद्धान्तानुसार प्राणी शरीर में कोई भी रोग क्यो न हो केवल उसके मानसिक लक्षणों के आधार पर औषधियों का चयन कर बडी से बडी बीमारीयों का उपचार आसानी से किया जा सकता है । गलत औषधियों के चुनाव से भी किसी प्रकार की हानि नही होती यह इस चिकित्सा की सबसे अच्छी बात है । बैच फलावर रैमेडिज्र पुस्तके व दवाये होम्योपैथिक दबा विक्रताओं की दुकानों पर आसानी से मिल जाती है । डॉ0 शुसलर द्वारा आविष्कृत बायोकेमिक चिकित्सा पद्धति को होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में शामिल कर लिया गया है । परन्तु बैच फलावर रेमेडिज को अभी किसी भी मान्यता प्राप्त चिकित्सा के साथ शामिल नही किया गया परन्तु इसका मतलब यह नही है कि यह चिकित्सा प़द्धति शासकीय मान्यता के अभाव में अनउपयोगी है विभिन्न चिकित्सा पद्धतियॉ अपने जन्म से ही मान्यताये लेकर पैदा नही हुई है । मान्यता हेतु विभिन्न प्रकार की चिकित्साओं को काफी सर्धष के साथ अपनी उपयोगिता को सिद्ध करना पडा जब जाकर कहीं उन्हे शासकीय मान्यताये प्राप्त हुई है । इसलिये मात्र मान्यता प्राप्त न होने के कारण , हम इस जन उपयोगी चिकित्सा को नकार नही सकते । मान्यताये भविष्य के गर्भ में विकसित होती रहती है एंव अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर शासकीया मान्यता प्राप्त करती है परन्तु शासकीय मान्यता तक का पडाव कितना कठिन होता है , यह तो चिकित्सा पद्धति के मान्यताओ के सघर्ष में लडने वाला ही समक्ष सकता है । उस चिकित्सक को क्या मालुम जिसने मान्यता प्राप्त चिकित्सकीय डिग्री तो हासिल कर ली, परन्तु उसे स्‍वंय नही मालुम की वह जिस चिकित्सा पद्धति की आज दुहाई देता है व डिग्री ली है वह भी कभी अमान्य मान्‍यता प्राप्‍त थी, कहने का अर्थ है कि कोई भी चिकित्सा पद्धतियॉ अपने जन्म से ही मान्यताये लेकर पैदा नही हुई है ।

बच फ्लावर में कुल 38 दवाये है जिनके नाम और उनका संक्षिप्‍त परिचय निम्‍नानुसार है ।

1-एग्रीमनी :- इसे एग्रीमनी यूपेटोरिया भी कहते है । ऐसे लोग जो कभी भी अपने दु:ख को किसी पर प्रगट नही करते । ऐसे लोग अपनी गंभीर से गंभीर पीडा को हल्‍के रूप में लेते एंव किसी पर प्रगट नही करते । इसके रोगी का दिन तो अच्‍छी तरह से बीत जाता है परन्‍तु राते कांटे नही कटती ।

2-हीदर :- इसे कैलुना बल्‍गरिस भी कहते है,यह अपना दुखडा हर व्‍यक्ति के सामने सदा रोते रहता है और अपनी समस्‍याओं के बारे में बेकार की सलाह लेता रहता है ।

3-सैन्‍च्‍युरी :- इसको सैन्‍च्‍युरियम अम्बिलेटम के नाम से भी जाना जाता है,ऐसे व्‍यक्तियों की इच्‍छा शक्ति एकदम कमजोर होती है और ऐसे व्‍यक्ति सदा दूसरो के कहने मे चलने वाले होते है ।

4-हार्नबीम:- इसका दूसरा नाम कारपीनस बेटुलस है,किसी भी काम को उठाते वक्‍त उनमें आत्‍म विश्‍वास नही रहता कि वे काम को बखूबी कर पायेगा परन्‍तु एक बार काम को हाथ में लेते ही उसे बखूबी कर लेता है । यह शारीरिक एंव मानसिक अवसन्‍नता की दवा है

5-ओलिब:- यह दवा भी शारीरिक एंव मानसिक अवसाद व अवस्‍न्‍नता की दवा है । जिनको एकदम विपरीत परिस्थितियों में काम करना पडता हो और उसके कारण शारीरिक व मानसिक थकावट आ हो, किसी लम्‍बी बिमारी के बाद जब रोगी कमजारी व अवसननता से गुजर रहा हो तब भी यह दवा उपयोगी है ।

6- केरेटो :- इसको कैरेटोसटिग्‍मा बिल्‍मोटिना प्‍लम्‍बेगो के नाम से भी जाना जाता है , आत्‍म विश्‍वास की कमी बेवकूफ , ऐसे व्‍यक्तियों जो निर्णय करने में सक्‍क्षम होते हुऐ भी सदा दूसरों से सलाह लेते रहते है और गलत होने पर भी दुसरो की बातों को सहजतापूर्वक मान लेते है ।

7-स्‍कैलरेन्‍थस :-इसका व्‍यक्ति अनिश्‍चयी होता है वह हमेशा यह करू या वह करू ,इसी विचारों में खोया रहता है , वह निर्णय करने में अक्‍क्षम होता है । कभी हसमुख तो कभी सहज रोने लगजाना कभी अत्‍याधिक क्रियाशील तो कभी घोर निष्‍िक्रय होता है ।

8-बाइल्‍ड ओट :- इसे बुड ग्रास भी कहा जाता है । यह दवा मन में उत्‍पन्‍न अनिश्‍चय की स्थिति,नैराश्‍य भाव तथा असन्‍तोष को दूर करती है ऐसे व्‍यक्ति अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहते है परन्‍तु कौन सा रास्‍ता चुने इसका निर्णय नही कर पाते ,तथा उसे अपने कार्यो से कभी सन्‍तोष नही मिलता । यदि सुर्निवाचित दवा देने पर भी रोग ठीक न हो और रोगी दुबला पतला है तो बाइल्‍डओट दवा दी जा सकती है ।

9-लर्क :- इसको लेरिक्‍स डिसिडुआ भी कहते है । यह भी आत्‍म विश्‍वास की कमी, असफल होने का डर तथा नैराश्‍य भाव की दवा है ,ऐसे व्‍यक्तियों में जरा भी आत्‍म विश्‍वास नही होता ,इसलिये वे किसी कार्य को करने का प्रयास ही नही करते । ऐसे व्‍यक्तियों में कुछ बनने की तमन्‍ना ही नही होती ।

10-चेरी प्‍लम :- इसका दूसरा नाम प्रुनस सिरेसिफेरा है । जीवन में असफलता,किसी प्रिय की मुत्‍यु,व्‍यापार में हानि,आग लग जाना आदि के कारण उत्‍पन्‍न्‍ा निराशा,स्‍नायुविक अवसन्‍नता ,मृत्‍यु की कामना करना ,बार बार मन में आत्‍म हत्‍या ,या आत्‍म घात का विचार आना , उसे ऐसा लगता है कि कही वह पागल न हो जाये

11-चेस्‍टनट बड :- इसका दूसरा नाम एस्‍क्‍यूलस चेस्‍ट नट है । ऐसे व्‍यक्ति अपनी गलतीयो व अनुभवों से कुछ सीख नही पाते, इसलिये पुन: उन्‍ही गलतीयों को करते है, किसी भी अपराध ,गलतियों को कभी याद नही रखता तत्‍काल वही भुला देता है किसी भी बात की गाठ बांधकर रखना इसके स्‍वाभाव में नही होता ।

12-हनी सकली :- इसका दूसरा नाम लोनीसिरा केप्रिफोलियम है । इसके स्‍वाभाव का व्‍यक्ति गुजरी बातों को आसानी से नही भूलता और उसके मन में उन घटनाओं का बोझ सदा बना रहता है ।

13-क्लिमेटिस :- इसका दूसरा नाम क्लिमैटिस विटलवा ट्रेवलर्स जाय ऐसे व्‍यक्ति दिवा स्‍वप्‍नी होते है हवाई किले बनाने वाला होता है ,सदा अपने ही विचारों में खोये रहते है इसलिये किसी बात पर ठीक से ध्‍यान केन्द्रित नही कर पाते ,कार्य करते करते इनका ध्‍यान दूसरी तरफ चला जाता है उनको फिर यह याद नही रहता कि तुरन्‍त का कौन सा कार्य वह कर रहा था । यह दवा जीवन में रसहीनता की ही नही बल्‍की बेहोश होजाने ,जडावस्‍था तथा हिस्‍टिरिया की भी दवा है ।

14-एस्‍पीन :- इसका दूसरा नाम पापुलस ट्रिम्‍युला । बिना किसी भय के कारण मन दुखी हो जाता है ,चिन्‍ता के कारण्‍ा बैचैनी ,कम्‍पन्‍न,पसीना आ जाना, नीद में डरावने सपने देखने के कारण नीद का उचट जाना ।

15-मिमुलस:- इसका दूसरा नाम मौनकली फ्लावर ,मिमुलस क्‍यूटेटस है । यह ज्ञात भय की दवा है

16-इलम :- इसका दूसरा नाम अल्‍मस प्रोसेरा है । इसका व्‍यक्ति बहुत उद्यमी ,योग्‍य व सक्रिय होता है और प्राय: बहुत सी जिम्‍मेदारीयॉ लेता है तथा अपने कार्यो हेतु जिनका सहयोग लेता है यदि वे उसके जैसा कार्य नही करते तो उससे उसको निराश व असन्‍तोष पैदा हो जाता है यह दवा एसे व्‍यक्तियों में जो नैराश्‍य भाव व असन्‍तोष पैदा होता है उसको यह दवा शीघ्र काबू में कर देती है ।

17-ओक:- इसका दूसरा नाम क्‍युकस रोबर है । चाहे कितनी भी बाधाये आये इस दवा के स्‍वभाव का रोगी कभी निराश, या हताश हो कर प्रयत्‍न करना नही छोडता । तथा दूसरों को भी विपरीत परस्थितियों में हिम्‍मत बंधाते रहते है एंव उनकी मदद के लिये तैयार रहते है । ऐसे व्‍यक्ति कमजोर इक्‍च्‍छा शक्ति वाले नही होते न ही वे दूसरों के प्रभाव में आ पाते है उनमें दृढ इक्‍च्‍छा शक्ति होती है

18-बरबेन :- इसका दूसरा नाम बरबीन्‍स औफिसिनलिस है । इसका व्‍यक्ति जो काम उसके बस में नही होता उन कार्यो का बोझ भी ले लेता है । यह व्‍यक्ति हर कार्य को शीघ्रता से करता है एंव चाहता है कि दुसरा भी उसकी तरह से शीघ्रता से कार्य करे ,इसका रोगी बोलता भी जल्‍दी जल्‍दी है , एंव चलता भी जल्‍दी जल्‍दी है ,उसे समय का अभाव हमेशा खटकता है ।

19-विलो :- इसको सैल्क्सि विटैलिना ,गोल्‍डन ओसियर के नाम से भी जानते है । इस दवा का रोगी सदा अपनी असफलता के लिये दूसरों को दोष देता है और दूसरों के प्रति सदा अपने मन में कडुवाहट पाले रहता है उसको दूसरों में कभी कोई अच्‍छाई नही दिखती और उसकी तारीफ वह कभी नही करता

20-पाईन:- इसका दूसरा नाम श्‍लैलवेस्‍टरिस है । यह उन व्‍यक्तियों की दवा है जो सदा अपनी ही कमियों को ढूंढने में लगे रहते है और कभी भी अपनी उपलब्धियों से सन्‍तुष्‍ट नही होते ।

21-इम्‍पेशन्‍स :- इसका दूसरा नाम इम्‍पेशन्‍स ग्‍लैण्‍डुलिफैरा है । इसके रोगी को भी हर कार्यो में अधीरता रहती है इसलिये ऐसे रोगी बहुत ज्‍यादा स्‍नायुबिक होते है ये भी जल्‍दी जल्‍दी चलने व बोलने वाले ,हर काम को जल्‍दी करने बाले , किसी का धीमा कार्य उनको बर्दाश्‍त नही होता वे दुसरे के कार्यो को भी स्‍वयम करने लगते है त‍था वे दूसरो को बोलने या अपना पक्ष रखने का मौका ही नही देते एंव स्‍वयम कह उठते है कि मै समक्ष गया ,इन्‍हे धीमी गति से कार्य करने वाला व्‍यक्ति पंसद नही होता ।

22-वाईन :- इसका दूसरा नाम विटिस बिनिफेरा है । इस दवा का रोगी महात्‍वाकांक्षी ,कठोर व अमानवीय स्‍वाभाव का होता है सदा दूसरों पर हुक्‍म चलाते रहना, तथा कोई उसका हुक्‍म टाले तो उनको बर्दाश्‍त नही होता , यह इस दवा के मुख्‍य निर्देशक लक्षण है ।

23-वालनट:- इसका दूसरा नाम जगलेंन्‍स रेजिया है । इस दवा के रोगी का अपने जीवन का विशिष्‍ट उदृश्‍य व लक्ष्‍य होता है ऐसे व्‍यक्ति किसी बंधे विचारो में चलने वाले नही होते ,वे अपना मार्ग स्‍वयम तैय करते है और लींक को छोडकर एकला चलने वाले होते है ।

24-वाटर वाइलेट :- इसका दूसरा नाम होटोनियापैलस्‍टैरिस है । घमंडी,गर्वीला,एकाकी, इसका रोगी वैसे तो मृदु स्‍वाभाव का होता है मन की भीतरी शान्ति के कारण ऐसे लोग पूरी तरह से संतुष्‍ट होते है उन्‍हे अपने उपर पूरा आत्‍म विश्‍वास होता है ।

25-वाइल्‍ड रोज :- इसका दूसरा नाम रोजा कैनीना डाग रोज है ! यह ऐसे लोगों की दवा है जिन्‍होने अपना सब कुछ भाग्‍य भरोसे छोड दिया है ,क्‍योकि उन्‍हे लगता है कि उनका प्रयत्‍न व्‍यर्थ जायेगा ,यहॉ तक कि वे अपनी बीमारी से भी आशा छोड देते है

26-गोर्स :- इसका दूसरा नाम यूलैक्‍स यूरोपकस विन है । यह भी उन व्‍यक्तियो कि दवा है जो प्रयास कर के थक गये है और इसलिये मजबूरन जिनको वर्तमान स्थिति में जीने को मजबूर होना पड रहा है एव यह ऐसे लोगो की दवा है जिनको चिकित्‍सकों ने कह दिया है कि उनके पास उनको ठीक करने का कोई उपाय नही है , एंव हमसे जो कुछ हो सकता था सारे प्रयास किये जा चुके है । इस दवा को जीर्ण रोग में जरूर देना चाहिये इससे रोगी के मन में आशा जाग जाती है । यह दवा ओक से के स्‍वाभाव से इस लिये भिन्‍न है क्‍योकि ओक के स्‍वाभाव का व्‍यक्ति कितनी भी निराश क्‍यो न हो वह कभी हार नही मानता

27-राक वाटर :- यह उन लोगो की दवा है जो सदैव कठोर अनुशासित रहते है जीवन का प्रत्‍येक कार्य एकदम अनुशासित रहकर व्‍यवस्थित तरीके से करते है । यह दवा बाईन से इसलिये भिन्‍न है क्‍योंकि वाईन वाले दूसरों को अनुशासित रखना चाहते है ,

28-बीच :- इसका दूसरा नाम फैगस सल्‍वैटिका है । इसके रोगी को हर व्‍यक्ति में दोष ही नजर आता है दूसरों में कुछ भी अच्‍छाईयॉ क्‍यों न हो, ऐसे लोगों को अपनी आलोचना बर्दाश्‍त नही होती ।

29-चिकोरी :- इसका दूसरा नाम सिकोरियम इनटाइबस,बाइल्‍ड सिकोरी है ,यह मतलबी, स्‍वार्थी स्‍वाप्‍यार ,अधिकार पूर्वक प्रेम चाहने वाले स्‍वाभाव के रोगीयों की दवा है , इसका व्‍यक्ति अकला रहना पसंद नही करता उसको हमेशा किसी के साथ की आवश्‍यकता होती है ।

30-रेड चैस्‍टनट :-बिना किसी कारण का डर ,सदा दूसरो के लिये चिन्‍ता करते रहना , अपना को व्‍यक्ति जडा सी भी देर से आये तो बहुत चिन्‍तित हो जाना ,उसके मन में बुरे ख्‍याल आने लगते है कि कही कोई अप्रिय घटना तो नही घट गयी , यदि निकटस्‍थ व्‍यक्ति किसी यात्रा आदि में जाये तो उसके मन में बुरे ख्‍याल आते है कि कही कोई घटना न घट जाये वह केवल बुरा पक्ष ही देखता है । इस दवा में सब चिन्‍ता फिक्र केवल दूसरों के लिये ही होती है अपने लिये नही ।

31-राक रोज :- भयानक दुर्घटना के बाद,कोई भयानक दृष्‍य देखने के बाद , उसके मन में इसका प्रभाव वर्षो बना रहता है किसी घटना या दुर्घटना का विचार उसके मन में बैठा रहता है यह डर नही निकल पाता ,स्‍वप्‍न में डरावने सपने के कारण बैठा डर यह दवा इस प्रकार के डर को मिटा देती है । और उसमें हिम्‍मत जगा देती है ।

32-स्‍टार आफ बेथलेहम :- इसका दूसरा नाम आरनिंथेगेलम अम्‍बीलेटम है । यह मुख्‍यत: शारीरिक एंव मानसिक सदमें के बाद उत्‍पन्‍न दशा की दवा है

33-वाइल्‍ड चेस्‍ट नट :- इसका दूसरा नाम इस्‍क्‍युलस हिपोकेस्‍टनम है । इस दवा का मुख्‍य लक्षण है कि रोगी सदा ही विचारों में उलझा रहता है हमेशा मानसिक व्‍दन्‍द में फंसे रहता है

34-कार्बएपल :- इसका दूसरा नाम मेलस प्‍यूमिला है ।किसी प्रकार के अपराध के कारण मन में ग्‍लानी बने रहना , जिसकी वजह से मन हमेशा उदास रहता है

35-होली:- यह दवा सन्‍देही,जलन,शत्रुभाव तथा घृणा की प्रधानता वालों की दवा है ,इसका व्‍यक्ति सदा अपने को असुरक्षित महसूस करता है प्रेम नाम की कोई चीज उसके पास नही होती , इसके रोगी को सुर्निवाचित दवा देने पर भी रोग ठीक न हो रोगी हृष्‍ट पुष्‍ट हो तो यह दवा दी जाती है परन्‍तु रोगी दुबला पतला है तो बाइल्‍डओट का प्रयोग करना चाहिये ।

36-जैन्शियन :- इसका दूसरा नाम जैन्शियन एमरेला आटम जैन्शियन है । यह ऐसे रोगीयो की दवा है जो हमेशा किसी चीज का बुरा पक्ष ही देखते रहते है , बुरा पक्ष देखने और बुरा सोचने के कारण सदैव गहरे अवसाद व उदासीनता में ही डूबे रहते है ऐसे लोग थोडी सी भी विपरीत परस्थितियों में घबरा जाते है एंव हतोत्‍साहित हो जाते है ।

37 मास्‍टर्ड :- इसका दूसरा नाम सिनेपिसअरवैन्सिस है । यह भी अन्‍धकारजनित अवसाद, विषादग्रस्‍तता, उदासीनता अनदेखी चीजों का डर ,बिना कारण घबराहट की दवा है ।

38- स्‍वीट चेस्‍टनट :- इसका दूसरा नाम केस्‍टेनिया सेटाइवा,स्‍पेनिश चेस्‍टनट ,एडीबल चेस्‍टनट है । बार बार मानसिक यातना के कारण एक समय ऐसा आता है जब उसके लिये सहन करना कठिन हो जाता है इसके कारण उसकी मानसिक व शारीरिक शक्ति पूरी तरह से नष्‍ट हो जाती है तथा रोगी निराश हो जाता है ऐसे में उसे अकेलापन अच्‍छा लगता है ।

39 रेस्‍क्‍यु रेमेडी:- उपरोक्‍त 38 दवाओं में से पॉच दवाओं को मिश्रित कर यह दवा डॉ0 बच के द्वारा तैयार की गयी है । इसमें जो दवाये अपस में मिलाई गयी है उनके नाम 1-स्‍टार आफ बेथलेहम,(शाक कम करने के लिये) 2-राक रोज (डर व आतक को मिटाने के लिये ) 3-इम्‍पेशन्‍स (मानसिक तनाव को दूर करने के लिये) 4-चेरी प्‍लम निराशा व अवसाद को मिटाने के लिये ) 5-क्लिमेटिस (मूर्च्‍छा व बेहोशी को दूर करने के लिये) डॉ0 बच ने इसे आपात स्थिति में उपयोग करने के लिये यह दवा शारीरिक व मानसिक शाक, हिस्‍टेरिया, मूर्च्‍छा, जल जाना, रात को डर जाना, तीब्र दर्द, दुर्धटना, गिर पडना, चोट लग जाना आदि सभी स्थितियों में काम आने वाली दवा है ।

नि:शुल्‍क परामर्श हेतु आप सुबह 9 बजे से 2 बजे तक फोन कर सकते है

डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल (बी0 एच0 एम0 एस0,एम0डी)

धमार्थ चिकित्‍सालय

बजाज शो  के सामने नर्मदा बाई स्‍कूल के

पास बण्‍डा रोड मकरोनिया सागर म0प्र0 मकरोनिय

मो0-9300071924-9630309033

मेल&jjsociety1@gmail.com

साईड-https://jjehsociety.blogspot.com

31
रचनाएँ
चिकित्सा वर्ड
0.0
इस पुस्तक मे विश्व प्रचलित विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी ,तथा उपचार विधियों के लेख , उनकी प्रमाणित जानकारीयाँ , आदि ।
1

अब समय आ गया वैकल्पिक चिकित्सा का

8 नवम्बर 2021
1
1
0

<p><strong>अब समय आ गया वैकल्‍पिक चिकित्‍सा का</strong></p> <p>पश्चिमोन्‍मुखी विचारधारा के अंधानुकरण

2

कलाकार

7 नवम्बर 2021
3
1
4

कलाकार उस मायवी कलाकर के सुदृण सधें हाथों ने बेज़ान मिट्टी की मूर्तियों में जैसे जान फू़क दी थी ,ऐसा लगता था कि बेजान मूर्तियॉ चंद क्षणों में बोल उठेगी , कलाकार की इस अद्वितिय कलाकृतियों में एक कलाकृ

3

विश्‍व प्रचलित चिकित्‍सा पद्धतियों का उदभव

9 नवम्बर 2021
1
0
0

<p> </p> <p> 1-विश्‍व प्रचलित चिकित्‍सा पद्धतियों का &nb

4

नेवल एक्यूपंक्चर

10 नवम्बर 2021
0
0
0

नेवल एक्‍युपंचर बनाम नेवल होम्‍योपंचर नेवल एक्‍युपंचर एक्‍युपंचर की नई खोज है इसकी खोज व इसे नये स्‍वरूप में सन 2000 में कास्‍मेटिक सर्जन मास्‍टर आफ-1 चॉग के मेडिसन के प्रोफेसर योंग क्‍यू द्वारा की

5

होम्योपंचर

10 नवम्बर 2021
0
0
0

<p> </p> <p> होम्‍योपंचर चिकित्‍सा</p> <p><br></p> <figure><img src="https://www.blo

6

होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा का उदभव

9 नवम्बर 2021
1
0
0

होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा का उदभव किसी ने सत्‍य ही कहॉ है, आवश्‍यकता आविष्‍कार की जननी होती है । अपने समय के सफल एलोपैथिक चिकित्‍सक डॉ0क्रिश्चियन फेडरिक सैमुअल हैनिमन ने महसूस किया कि एलोपैथिक चिकित्‍सा

7

नेवल एक्यूपंक्चर

13 अप्रैल 2022
1
0
0

   नेवल एक्‍युपंचर बनाम नेवल होम्‍योपंचर     नेवल एक्‍युपंचर एक्‍युपंचर की नई खोज है इसकी खोज व इसे नये स्‍वरूप में सन 2000 में कास्‍मेटिक सर्जन मास्‍टर आफ-1 चॉग के मेडिसन के प्रोफेसर योंग क्‍यू द्व

8

आईडोलोजी (ऑखों के परिक्षण से बीमारीयों की पहचान

13 अप्रैल 2022
0
0
0

आईडोलोजी (ऑखों के परिक्षण से बीमारीयों की पहचान)  बीमारीयों की स्थिति में शारीरिक परिवर्तन सामान्‍य सी बात है परन्‍तु लम्‍बे समय से शरीर परिक्षणकर्ताओं द्वारा सूक्ष्‍म शारीरिक अंगो के परिक्षणों का पर

9

नेवल एक्यूपंक्चर बनाम नेवल होम्योपंचर

14 अप्रैल 2022
0
0
0

   नेवल एक्‍युपंचर बनाम नेवल होम्‍योपंचर   नेवल एक्‍युपंचर एक्‍युपंचर की नई खोज है इसकी खोज व इसे नये स्‍वरूप में सन 2000 में कास्‍मेटिक सर्जन मास्‍टर आफ-1 चॉग के मेडिसन के प्रोफेसर योंग क्‍यू द्वारा

10

2-बैच फ्लावर रैमेडीज

14 अप्रैल 2022
0
0
0

2- बैच फलावर रेमेडिस डॉ0 एडवर्ड बैच एक ऐलोपैथिक चिकित्सक थे बाद में उनका रूझान होम्योपैथिक चिकित्सा की तरफ आकृषित हुआ । हाम्योपैथिक से मान्यता प्राप्त डिग्री प्राप्त कर होम्योपैथिक से चिकित्सा कार्य

11

3-इलैक्ट्रो होम्योपैथिक

15 अप्रैल 2022
0
0
0

3- इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिकपैरासेल्‍सस के प्रथम सिद्धान्‍त ‘ सम से सम की चिकित्‍सा ’ पर डॉ0 हैनिमैन सहाब ने होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा का आविष्‍कार किया, वही उनकी मृत्‍यु के पश्‍चात सन 1865 ई0 में पैरासेल्

12

1.बायोकेमिक चिकित्सा

14 अप्रैल 2022
0
0
0

  होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा पद्धति से मिलती जुलती चिकित्‍सा पद्धतियॉ        1-बायोकेमिक चिकित्सा   जीते तो सभी है परन्तु अपने अन्दाज में जीने का सौभाग्य बहुत ही कम लोगों को मिल पाता है । जिसने जीवन के रह

13

तम्बाकू छोडने व कैंसर से बचाव

16 जून 2022
0
0
0

तम्बाकू छोडने कैंसर से बचाओ के लिए तम्बाकू बीडी,सिगरेट छुडाने ,एव इनकी बजह से मुँह मे छाँले ,धाँव ,सूजन या कैंसर होने की संभावना मे निम्नलिखित योग का प्रयोग कर लाभ उठा सकते है । त्रिफला , अदरक , काल

14

नेवल एक्‍युपंचर बनाम नेवल होम्‍योपंचर

26 अगस्त 2022
0
0
0

                                                                                                                    ( होम्योपैथी के चमत्कार  भाग -2 ) नेवल एक्‍युपंचर बनाम नेवल होम्‍योपंचर      नेवल

15

होम्‍योपंचर या होम्‍योएक्‍युपंचर

26 अगस्त 2022
0
0
0

( होम्योपैथी के चमत्कार  भाग -2 ) होम्‍योपंचर या होम्‍योएक्‍युपंचर विश्व में प्रचलित विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्धतियॉ किसी न किसी रूप में प्रचलन में है इसी कडी में होम्योपंचर चिकित्सा की जानकारी

16

विश्‍व प्रचलित चिकित्‍सा पद्धतियों का उदभव

26 अगस्त 2022
0
0
0

                                                                                                                ( होम्योपैथी के चमत्कार  भाग -2 )                          अध्‍याय -1    विश्‍व प्रचल

17

प्रस्‍तावना

26 अगस्त 2022
0
0
0

 प्रस्‍तावना  होम्‍योपैथिक मेटेरिया मेडिका की कई लेखकों की पुस्‍तकों  का गहन अध्‍ययन करने पर भी कई जगह सम्‍पूर्ण लक्षणों का विवरण प्राय: नही मिलता, परन्‍तु एक दक्ष होम्‍योपैथ प्रबल मानसिक , व्‍यापक ल

18

नेवल होम्‍योपंचर से सौन्‍द्धर्य समस्‍याओं का उपचार

26 अगस्त 2022
0
0
0

  नेवल होम्‍योपंचर से सौन्‍द्धर्य समस्‍याओं का उपचार    एक्‍युपंचर चिकित्‍सा चीन गणराज्‍य की उपचार विधि है, इस चिकित्‍सा पद्धति में सम्‍पूर्ण शरीर पर एक्‍युपंचर पाईन्‍ट पाये जाते है , इन निर्धारित बि

19

ची नी शाग ( व्‍यर्थ सी दिखने वाली नाभी का महत्‍व )

26 अगस्त 2022
0
0
0

ची नी शाग    ( व्‍यर्थ सी दिखने वाली नाभी का महत्‍व )    आज मुख्‍यधारा की मॅहगी चिकित्‍सा उपचार के भंवरजाल से परेशान जन सामान्‍य एक ऐसी प्राकृतिक उपचार विधि की शरण में जा रहा है जिसे हम सभी  नाभी चिक

20

क्‍वान्‍टम थेवरी

26 अगस्त 2022
0
0
0

                                  क्‍वान्‍टम थेवरी  क्‍वान्‍टम थेवरी :- जहॉ से भौतिक वस्‍तुओं का अस्तित्‍व समाप्‍त होने लगता है वहॉ से सूक्ष्‍म अर्थात क्‍वान्‍टम थैवरी का सिद्धान्‍त प्रारम्‍भ होने

21

अब समय आ गया वैकल्‍पिक चिकित्‍सा का

26 अगस्त 2022
0
0
0

 अब समय आ गया वैकल्‍पिक चिकित्‍सा का     पश्चिमोन्‍मुखी विचारधारा के अंधानुकरण ने कई जनोपयोगी, उपचार वि़द्यओं को अहत ही नही किया बल्‍की उनके अस्तित्‍व को भी खतरे में डाल रखा है । आज की मुख्‍यधारा

22

पैथालाजी रोग एंव होम्‍योपैथिक (विकृति विज्ञान)

26 अगस्त 2022
1
0
0

   पैथालाजी रोग एंव होम्‍योपैथिक (विकृति विज्ञान)   होम्‍योपैथिक एक लक्षण विधान चि‍कित्‍सा पद्धति है इसमें किसी रोग का उपचार नही किया जाता बल्‍की लक्षणों को ध्‍यान में रखकर औषधियों का र्निवाच

23

मानसिक विकलांग व्‍यक्तियों का उपचार होम्‍योपैथिक

26 अगस्त 2022
0
0
0

   मानसिक विकलांग व्‍यक्तियों का उपचार होम्‍योपैथिक मानसिक विकलांग बच्‍चों में, कई बच्‍चों के रोग लक्षण होम्‍योपैथिक लक्षणों से मिलते जुलते है चूंकि जैसाकि हम सभी होम्‍योपैथिक चिकित्‍सक इस बात को

24

पथरी का उपचार होम्‍योपैथिक

26 अगस्त 2022
0
0
0

  पथरी का उपचार होम्‍योपैथिक पथरी एक ऐसा रोग है जिसमें मूत्राश्‍य एंव गुर्दे में पथरी बनने लगती है । कुछ मरीजों में तो उपचार के बाद बाद भी बार बार पथरी बनती है । पथरी का उपचार समय रहते न कराने पर

25

होम्‍योपैथिक से बच्‍चों का उपचार

26 अगस्त 2022
0
0
0

  होम्‍योपैथिक से बच्‍चों का उपचार  होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा पद्धति को लक्षण विधान चिकित्‍सा पद्धति में कहते है, इस चिकित्‍सा पद्धति में किसी रोग का उपचार न कर चिकित्‍सक, लक्षणों का उपचार करते ह

26

तम्बाकू छोडने कैंसर से बचाओ के लिए

26 अगस्त 2022
0
0
0

           तम्बाकू छोडने कैंसर से बचाओ के लिए तम्बाकू बीडी,सिगरेट छुडाने ,एव इनकी बजह से मुँह मे छाँले ,धाँव ,सूजन या कैंसर होने की संभावना मे निम्नलिखित योग का प्रयोग कर लाभ उठा सकते है । त्रिफला ,

27

ब्‍यूटी क्‍लीनिक ,ब्‍यूटी पार्लर की अत्‍याधुनिक तकनीकी

26 अगस्त 2022
1
0
0

 ब्‍यूटी क्‍लीनिक ,ब्‍यूटी पार्लर की अत्‍याधुनिक  तकनीकी    ब्‍यूटी क्‍लीनिक ,ब्‍यूटी पार्लर की अत्‍याधुनिक  तकनीकी है , ब्‍यूटी पार्लर में मात्र सौर्न्‍दय श्रृंगार का कार्य होता है एंव यह गली

28

आईडोलोजी (ऑखों के परिक्षण से बीमारीयों की पहचान)

26 अगस्त 2022
0
0
0

आईडोलोजी (ऑखों के परिक्षण से बीमारीयों की पहचान) बीमारीयों की स्थिति में शारीरिक परिवर्तन सामान्‍य सी बात है परन्‍तु लम्‍बे समय से शरीर परिक्षणकर्ताओं द्वारा सूक्ष्‍म शारीरिक अंगो के परिक्षणों का परि

29

एक्युपंचर परिचय

26 अगस्त 2022
0
0
0

   एक्युपंचर परिचय एक्युपंचर दो शब्दो से मिल कर बना है एक्यु का अर्थ होता है सूई एंव पंचर का अर्थ है चुभाना अर्थात इस चिकित्सा पद्धति में बारीक सूईयों को शरीर के निर्धारित पाईन्टस पर चुभा कर उपचार क

30

व्‍यर्थ सी दिखने वाली नाभी का महत्‍व

19 नवम्बर 2022
0
0
0

  व्‍यर्थ सी दिखने वाली नाभी का महत्‍व    आज मुख्‍यधारा की मॅहगी चिकित्‍सा उपचार के भंवरजाल से परेशान जन सामान्‍य एक ऐसी प्राकृतिक उपचार विधि की शरण में जा रहा है जिसे हम सभी  नाभी चिकित्‍सा के नाम स

31

नाभी चिकित्सा ची.नी.शाँग

2 दिसम्बर 2022
0
0
0

ची0नी0 शाग उपचार मे स्वारोजगार की अपार संभावनाये चिकित्सा विश्‍व प्रचलित वैकल्पिक चिकित्‍सा पद्धतियो की जानकारी उनकी मान्‍यतायें तथा चिकित्‍सा अधिकारों की विस्‍तृत जानकारीयॉ होम्‍योपैथिक ,एक्‍यु

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए