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विशेषज्ञों के अनुसार जो बच्चे घर पर बना हुआ ताजा भोजन करते हैं और पर्याप्त मात्र में पानी पीते हैं, उनकी एकाग्रता बनी रहती है और वे बच्चे अपनी क्लास में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। इसके लिए खास बातों पर ध्यान दें, तो आप भी अपने बच्चों की दिमागी क्षमता को बढ़ा सकते हैं। अगर आप अपने बच्चे की दिमागी ताकत बढ़ाना चाहते हैं तो उसके खानपान, उनकी दिनचर्या और आसपास के माहौल पर ध्यान दें।
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बच्चों को डिब्बाबंद पदार्थों का सेवन न करने दें:
बच्चे को बोतलबंद पेय या कृत्रिम रंगों से युक्त खाद्य पदार्थ न दें। इन पदार्थों से नींद पर बुरा असर पडऩे के अलावा बच्चों की एकाग्रता भी भंग होती है। साथ ही ये बच्चों की हड्डिया भी काजोर होती हैं। इनकी बजाय ताजा फल, सब्जियां, दाल, सूखे मेवे, मूंगफली, चना, लोबिया, दालें व प्रोटीन युक्त पदार्थ आदि खिलाएं।
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तनाव से दूर रखें:
इसके लिए काफी हद तक माता-पिता, विज्ञापन और टीवी प्रोग्राम जिम्मेदार हैं। माता-पिता को चाहिए कि बच्चो को ऐसी चीजों से दूर रखें जिससे तनाव होता हो, तनाव मानसिक विकास में बाधक होता है । बच्चे को उतना ही पढ़ने के लिए कहें, जितना बच्चे की छमता हो हो, जरूरत से अधिक दवाब से तनाव बढ़ता है ।
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गैजेट्स का प्रयोग सीमित करने दें:
अमरीका की बाल रोग विशेषज्ञ के अनुसार बच्चों को दिनभर में दो घंटे से ज्यादा लैपटॉप का इस्तेमाल या वीडियोगेम्स नहीं खेलने दें। इससे एक तो बच्चे की शारीरिक गतिविधयां कम हो जाती है, दूसरा कई बार वह माता-पिता की अनदेखी में इंटरनेट पर गलत चीजों तक पहुंच जाता है जिससे उसके दिमाग पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
खेलकूद भी जरूरी है ।
खेलना, बच्चों के शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक विकास के लिए भी जरूरी है। इससे बच्चा जहां शारीरिक रूप से तंदुरुस्त होता है, वहीं दोस्तों के साथ मिलकर खेलने से उसमें टीम भावना आती है व एकाग्रता में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा बच्चों को पर्याप्त नींद आने लगती है । नींद पूरी होने से भी दिमाग तंदुरुस्त रहता है
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