होंठ बहुत ही संवेदनशील होते हैं, हर मौसम का इस पर प्रभाव पड़ता है । मौसम के प्रभाव से ही होंठ फटते हैं, जाड़े के दिनों में कुछ ज्यादा ही प्रभाव पड़ता है । हॉट फटने से हसने बोलने में परेशानी तो होती है, पर देखने में भी अच्छा नहीं लगता है । होंठो के फटने का कारण ठंडा मौसम, विटामिन ए तथा विटामिन बी की कमी, धूम्र पान, तीखे व मसालेदार भोजन आदि हैं । इसके प्रभाव से बचने के लिए होंठो कि देखभाल के साथ प्राकृतिक व आर्युवेदिक उपचार की जरूरत होती है ।
रात के समय सोने से पहले हल्का सा मक्खन होंठो पर लगाने से होंठ मुलायम हो जाते है व फटने से बच जाते हैं । भोजन में विटामिन ए तथा बी से भरपूर भोज्य पदार्थ लेने चाहिए , जैसे मक्खन, दूध, पपीता, सोयाबीन, तथा दालों का उपयोग करना चाहिए ।
सर्दी के दिनों में सुबह नहाने से पूर्व नाबी में 3 से 4 बूंद सरसों का तेल लगाकर थोड़ा मसल दें, इससे होंठ सही हो जायेगे । इसके अलावा शुद्ध देसी घी होठों पर लगाने से भी लाभ होता है ।
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होंठों पर पपड़ी जम जाए तो सोते समय होठों पर बदाम का तेल लगाएं, इसके अलावा आधा चम्मच दूध की मलाई में हल्दी का चूर्ण चुटकी भर मिला कर भी लगाया जा सकता है।
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होंठो पर कालापन हो जाए तो गुलाब के फूल की पंखुड़ी को पीस कर इसमें ग्लिसरीन मिला कर होठों पर लगाए, इस मिश्रण को कुछ दी प्रयोग करना है । इसके अलावा मक्खन में केसर मिलाकर भी लगाया जा सकता है , इससे होंठ चमक दर हो जायेगें ।