shabd-logo

ब्रेक्ज़िट के बाद बोले PM कैमरन 'अब मेरा कप्तान बने रहना ठीक नहीं'

25 जून 2016

191 बार देखा गया 191
featured image

न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) की 2 दिन की प्लेनरी मीटिंग में भारत की मेंबरशिप को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला। मीटिंग में चीन ने साफ तौर पर कहा कि नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि) पर साइन करने वाले देशों को ही एनएसजी में शामिल करें। चीन का करीब 10 देशों ने साथ दिया। इनके आगे भारत की दावेदारी कमजोर पड़ गई। जबकि भारत का यूएस, यूके, फ्रांस और बाकी देशों ने मजबूती से सपोर्ट किया। स्विट्जरलैंड ने लिया यू टर्न...

- इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप ने कहा है, "हमें पता है कि एक देश ने कैसे भारत की राह में लगातार रोड़े अटकाए।"

- स्वरूप शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की मीटिंग में नरेंद्र मोदी के साथ मौजूद थे।

- स्विट्जरलैंड ने भी यू-टर्न लेकर चीन का साथ दिया। करीब 10 देशों ने भारत की मेंबरशिप का विरोध किया।

- स्विट्जरलैंड की स्थिति इंडिया के लिए सबसे सरप्राइजिंग मानी जा रही है, क्योंकि वहां के प्रेसिडेंट जॉन श्नाइडर ने नरेंद्र मोदी से सपोर्ट का वादा किया था।

- बता दें कि पीएम मोदी हाल ही में पांच देशों के दौर पर गए थे, जिनमें स्विट्जरलैंड भी शामिल था। उस दौरान उन्होंने प्रेसिडेंट जॉन श्नाइडर से मुलाकात की थी।

- मोदी के इस दौरे का मकसद एनएसजी मेंबरशिप के मुद्दे पर सपोर्ट जुटाना था। सूत्रों की मानें तो NSG के 48 में से 38 देश भारत के सपोर्ट में थे।

इन देशों ने किया विरोध

-बताया जा रहा है कि भारत का विरोध करने वालों में चीन, स्विट्जरलैंड, साउथ अफ्रीका, नॉर्वे, ब्राजील, ऑस्ट्रिया, न्यूजीलैंड, आयरलैंड और तुर्की शामिल हैं।

मोदी की कोशिशें हुईं नाकामयाब

- मोदी की उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के साथ गुरुवार को हुई मीटिंग कामयाब नहीं हुई। 
- उधर, सिओल में चीन के डिप्लोमैट्स लगातार अपने रुख पर कायम रहे। 
- NSG में भारत की दावेदारी के लिए सपोर्ट जुटाने के लिए फॉरेन सेक्रेटरी एस जयशंकर सिओल पहुंचे थे, लेकिन उनकी कोशिशें भी बेनतीजा रहीं।

- हालांकि, फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप का कहना है कि जिनपिंग ने एससीओ में भारत की सदस्यता का स्वागत किया है।

कांग्रेस, आप ने कहा- डिप्लोमेसी में गंभीरता लाएं मोदी

- NSG में मेंबरशिप के मुद्दे के फेल्योर पर कांग्रेस और आप ने निशाना साधा है।
- कांग्रेस स्पोक्सपर्सन आनंद शर्मा ने कहा, "मोदी को अपनी डिप्लोमेसी में और गंभीरता लाने की जरूरत है। केवल लोगों के बीच तमाशा करने से कुछ नहीं होगा।"
- अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया- "पीएम मोदी की फॉरेन पॉलिसी पूरी तरह फेल हो गई है।"

गुरुवार को सिओल में क्या हुआ था?

- जापान ने भारत को मेंबरशिप देने का मुद्दा उठाया। चीन ने विरोध किया।

- चीन ने कहा, "एनएसजी में विरोध के कारण भारत और चीन के आपसी रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"

- मोदी और जिनपिंग गुरुवार को ही शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) की बैठक में शामिल होने ताशकंद पहुंचे थे।

- दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक अलग से बातचीत हुई थी।

ये देश NSG में भारत के सपोर्ट में


- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेलारूस, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, सायप्रस, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस और हंगरी।
- इटली, जापान, कजाखस्तान, आइसलैंड, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, लात्विया, लिथुआनिया, लग्जमबर्ग, माल्टा, मेक्सिको, नीदरलैंड्स, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रशियन फेडरेशन, सर्बिया, स्लोवाकिया, स्पेन, स्वीडन, यूक्रेन, यूके, फ्रांस और यूएस।

भारत के लिए मेंबरशिप क्यों है जरूरी?

- न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी और यूरेनियम बिना किसी खास समझौते के हासिल होगी। 
- न्यूक्लियर प्लान्ट्स से निकलने वाले कचरे को खत्म करने में भी एनएसजी मेंबर्स से मदद मिलेगी। 
- साउथ एशिया में हम चीन की बराबरी पर आ जाएंगे।

क्या है NSG?

- एनएसजी यानी न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप मई 1974 में भारत के न्यूक्लियर टेस्ट के बाद बना था। 
- इसमें 48 देश हैं। इनका मकसद न्यूक्लियर वेपन्स और उनके प्रोडक्शन में इस्तेमाल हो सकने वाली टेक्नीक, इक्विपमेंट और मटेरियल के एक्सपोर्ट को रोकना या कम करना है। 
- 1994 में जारी एनएसजी गाइडलाइन्स के मुताबिक, कोई भी सिर्फ तभी ऐसे इक्विपमेंट के ट्रांसफर की परमिशन दे सकता है, जब उसे भरोसा हो कि इससे एटमी वेपन्स को बढ़ावा नहीं मिलेगा। 
- एनएसजी के फैसलों के लिए सभी मेंबर्स का समर्थन जरूरी है। हर साल एक मीटिंग होती है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

कल्याणी शंकर- विदेश मामलों की जानकार

- चीन की पाकिस्तान से ज्यादा स्ट्रैटजिक करीबी ही उसके भारत विरोध की वजह है।
- जिस तरह यूएस खुलकर भारत के सपोर्ट में आया, उसी तरह पाकिस्तान को चीन ने ज्यादा सपोर्ट दिया।
- भारत एनएसजी बिड के लिए चीन को ही बड़ा विरोधी मान रहा था, लेकिन छोटे देशों को लेकर उसकी स्ट्रैटजी धारदार नहीं थी।
- चीन ने भारत से बातचीत करने के दौरान ही NPT का मुद्दा उछालकर छोटे देशों को अपने साथ कर लिया।
- चीन से सुषमा, जयशंकर और मोदी खुद डील कर रहे थे, लेकिन स्विटजरलैंड, न्यूजीलैंड, तुर्की जैसे देशों के लिए कोई सॉलिड एक्शन प्लान नहीं था।
- भारत को फिलहाल झटका लगा है, लेकिन अब उसे अपनी स्ट्रैटजी में बदलाव करना होगा।


अफसर करीम, रक्षा मामलों के जानकार

- एनएसजी के लिए जो क्वालिफिकेशन हैं, उन्हें भारत पूरी नहीं करता है।

- एंट्री से कोई खास फायदा नहीं होना था, बाहर रहने से भी कोई नुकसान नहीं है।
- चीन और दूसरे देशों के अपोज करने से एक फायदा यह हुआ है कि भारत को डिप्लोमेसी की ताकत पता चल गई।
- भारत की कोशिश से एनएसजी देशों के बीच जो डिस्कशन शुरू हुआ है, उससे आगे फायदा मिल सकता है।
- यह कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं था। इसे प्रेस्टीज इश्यू बना लिया गया था।
- यह साबित करने की कोशिश की गई कि दुनिया हमारी विदेश नीति को मान रही है।
- एनएसजी सिर्फ एक हाई प्रोफाइल क्लब की सदस्यता लेने जैसा है।   #प्रतीकसिंह 

प्रतीक सिंह सचान की अन्य किताबें

1

प्रतीक सिंह- उत्तर प्रदेश चुनाव का शंखनाद

27 मई 2016
0
3
0

उत्तर प्रदेश के चुनावों का शंखनाद 26 मई को नरेंद्र मोदी जी के द्वारा सहारनपुर से कर दिया गया है जिससे सभी पार्टियों में राजनीतिक हलचल मच गयी है सपा सरकार सरकार बहुत ही चिंतित है बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता से,खासकर के युवाओं को आकर्षित करने में सपा सरकार फेल  हो चुकी है इसलिए वह लगा तार वो युवाओं को र

2

एकता हमारी जरूरत.......

2 जून 2016
0
1
0

🍚लड्डू - भारतीय संस्कृति !जो दाने को दाने से जोड़ करउत्सव मनाने का सन्देश देता है |:केक - पश्चिमी संस्कृति !जो काट कर, बांट करउत्सव मनाने को दर्शाता है |

3

समोसे की भारत पहुंचने की कहानी #प्रतीक सिंह

25 जून 2016
0
2
0

आप समोसे को भले ही 'स्ट्रीट फूड' मानें लेकिन ये सिर्फ स्ट्रीट फूड नहीं है, उससे बहुत बढ़कर है.समोसा इस बात का सबूत है कि ग्लोबलाइजेशन कोई नई चीज़ नहीं है, समोसा खाने के बाद आपको समझ जाना चाहिए कि किसी चीज़ की पहचान देश की सीमा से तय नहीं होती है| ज्यादातर लोग मानते हैं कि समोसा एक भारतीय नमकीन पकवान

4

ब्रेक्ज़िट के बाद बोले PM कैमरन 'अब मेरा कप्तान बने रहना ठीक नहीं'

25 जून 2016
0
0
0

न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) की 2 दिन की प्लेनरी मीटिंग में भारत की मेंबरशिप को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला। मीटिंग में चीन ने साफ तौर पर कहा कि नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि) पर साइन करने वाले देशों को ही एनएसजी में शामिल करें। चीन का करीब 10 देशों ने साथ दिया। इनके आगे भारत की दाव

5

भारत की NSG में नो एंट्री

25 जून 2016
0
4
0

न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) की 2 दिन की प्लेनरी मीटिंग में भारत की मेंबरशिप को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला। मीटिंग में चीन ने साफ तौर पर कहा कि नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि) पर साइन करने वाले देशों को ही एनएसजी में शामिल करें। चीन का करीब 10 देशों ने साथ दिया। इनके आगे भारत की दाव

6

A.R. Rahman - Maa Tujhe Salaam | Vande Mataram, Bharat Bala - YouTube

28 जून 2016
0
0
0

साल के अंत तक उम्मीद है यार| A. R. Rahman's debut Indian Pop single was released on the Golden Jubilee anniversary of India's independence and has been instrumental in instilling a sense... A.R. Rahman - Maa Tujhe Salaam | Vande Mataram, Bharat Bala - YouTube

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए