7 नवम्बर 2018
अब रूठने की बगावत नहीं कोई, अब मनाने की बनावट नहीं कोई.इश्क हमको ही नहीं उनको भी है हमसे, बात ये कहने की ज़रूरत नहीं कोई. (आलिम)