बेड़ियों ने रूप बदलेरख दिया तन को सजाकरवो कली मासूम सी जोदेखती सब मुस्कुराकर।शूल बोए जा रहे थेरीतियों की आड़ में जबखेल सा लगता उसे थाजानती सच ये भला कबछिन रहा बचपन उसी कापड़ रहीं थीं सात भाँवर।।छूटता घर आँगना अबनयन से नदियाँ बहीं फिरहाथ में गुड़िया लिए थीबंधनों से अब गई घिरआज नन्हें पग दिखाएँघाव सा
गूगल ‘ डूडल ’ ये गूगल की एक सेवाहै जिसके द्वारा ये पूरी दुनिया को कुछ ऐसी चीज, लोगों,अविष्कारों के बारे में बताता है जो उस दिन से सम्बंधित हो औरमहत्वपूर्ण हो । अगर आज (22 न