- विगत कई दिनों से बैंक घोटाले की चर्चा काफी हो रही है । पर इसके साथ की और भी कई समस्याएँ जैसे गौण हो गई हैं । उदहारण के तौर पर खुदरा निवेशकों की समस्या । क्या केवल इन निवेशकों को उनके निवेश का गिरा हुआ भाव बता भर देने से समाचार चैनलों का काम समाप्त हो गया । क्या उन्हें कोई रास्ता अवगत कराया गया जिससे की वे अपने निवेश को बचा सकें अथवा जो व्यक्ति उनके निवेश की बर्बादी के लिए जिम्मेवार हैं उन्हें चिन्हित कर सकें । क्या बैंक मैनेजमेंट उन्हें कोई रिपोर्ट देगा की वे कैसे इस नुक्सान की भरपाई करेंगे जैसे की उनके शेयर की मैनेजमेंट द्वारा खरीदी या कोई वैल्यू-अनलॉकिंग जिससे की उन्हें किसी कंपनी के शेयर अथवा उसका मूल्य प्राप्त हो और नुकसान की कुछ भरपाई हो । कुछ निवेशक बैंक की मैनेजमेंट, आडिटर एवं अन्य जुड़े हुए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ भी कुछ एक्शन लेना चाहें तो वो कैसे ले सकते हैं । सरकार संतुष्ट होने की जल्दी में लग रही है क्योंकि जैसा दिखता है उससे तो लगता नहीं की सरकार जो की मुख्य शेयर-धारक भी है वो कोई एक्शन ले रही है। इस परम विश्वास की इसमें दो-तीन छोटे लेवेल के कर्मचारीओ के अलावा कोई भी और किसी भी तरह से जिम्मेवार नहीं, के कारण ही तो कई तरह के सवाल उठ रहे हैं । इस मुख्य शेयर-धारक से सवाल पूछना तो कोई अन्य ही करेगा पर छोटे निवेशों की समस्या को नज़रंदाज़ करना, जबकि रोज़ कई तरह के चैनल सारा दिन केवल शेयरओं की बिक्री में लगे रहतें हैं