बुद्धि विनायक पार्वतीनंदन ,मंगलकारी हे गजबंदन वक्रकुंड तुम महाकाय तुम ,करता हूँ तेरा अभिनंदन कंचन -कंचन काया तेरी ,मुखमंडल पर तेज समाया है मूषक वाहन करो सवारी ,मोदक तुमको प्यारा है भक्ति भाव में तेरी देखो,खोया ये जग सारा है मोहनी मूरत सुन्दर सूरत भोले बाबा के तुम प्यारे हो गौरी माता के लाल तुम्ही त