एक छोटा सा सपना पूरा हुआ
जब मेरा बेटा आर्यन आया
तोतली सी बोली से जब तुमने मुझे पापा बुलाया
दिल के सारे दर्द दूर हुए
जब नन्हा चेहरा मुस्कुराया
तू मेरा लाडला राजकुमार मेरा ही दर्पण कहलाया
नटखट भोली सी शैतानी तेरी ,सबके मन को भाए
दादा दादी देख देखकर मंद मंद मुस्काए
मम्मी तेरी नजर उतारे वारी वारी जाये
बुआ फूफा चाची ताई तू सबके मन को भाये
है आज तुम्हारा जन्मदिवस 27 अगस्त है आया
कृतार्थ हुआ प्रभु का जो ,तू मेरी दुनिया में आया
दुखों से तू दूर रहे ,खुशियों के सावन आयें
तेरी जीवन की बगिया में ,रहे सभी की दुआयें
तोहफे खिलौने और मिठाई सब तुमको दे सकता हूँ
मगर परमपिता श्री परमब्रह्म से
तुम्हारी लंबी हो उमर दुआएँ करता हूँ
रहे हमेशा सदा सलामत जीवन अपना साकार करे
देकर दूसरों को खुशियों का जीवन
अपने जीवन में हर रंग भरे।
प्रभात पांडेय की अन्य किताबें
लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं और देश के प्रतिष्ठित पत्रिकाओं व समाचार - पत्रों में समसामयिक मुद्दों पर इनके लेख प्रकाशित होते रहते हैं
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