गुरु अर्चना ,गुरु प्रार्थना ,गुरु जीवन का आलंबन है
गुरु की महिमा ,गुरु की वाणी जैसे परमात्मा का वंदन है
प्रेम का आधार गुरु है ,ज्ञान का विस्तार गुरु है
भविष्य का निर्माण वही है ,कर्म का आकाश वही है
मैं तो हूँ एक कोरा कागज़ ,मेरा अंतरज्ञान वही है
वो उद्धारक ,वो विस्तारक, वक्क की आवाज वही है
ज्ञान रूपी गागर भर दे ,सच्चा द्रोणाचार्य वही है
अर्जुन और एकलव्य सा जीवन देखे सब में
सच्चे गुरु का ज्ञान वही है
ज्ञान मार्ग पर सफल परीक्षण करता अनुसन्धान वही है
वंदन है उस कर्मयोगी को
जिसने जीवन राह पे चलना सिखलाया
माँ की ममता सा ,प्यार पिता सा
तपते जीवन की है छाया
हूँ ह्रदय से आज आभारी पथ के अनमोल प्रदर्शक का
दिल से है अभिनंदन उस कर्म के पुजारी का
(शिक्षक दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएं)
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लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं और देश के प्रतिष्ठित पत्रिकाओं व समाचार - पत्रों में समसामयिक मुद्दों पर इनके लेख प्रकाशित होते रहते हैं
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