shabd-logo

भाग - 1 अनजान जीव का कहर

24 सितम्बर 2021

126 बार देखा गया 126
वर्ष 2050 का समय चल रहा है। पिछले 30 सालों से कोरोनावायरस ने दुनिया में भयंकर तबाही मचा रखी है। पूरी दुनिया इसकी चपेट में है। वैज्ञानिक निरंतर प्रयास कर रहे हैं परंतु यह वायरस साल दर साल अपना स्वरूप बदलता हुआ और भी मजबूत होता जा रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सारे उपाय मनुष्यों को फायदा कम पहुंचा रहे हैं और उसके नुकसान ज्यादा सामने आ रहे हैं। उन दवाओं के साइड इफेक्ट्स रोज नई नई बीमारियां पैदा कर रहे हैं। लोग मानसिक एवं शारीरिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं। कुछ लोग पूरी तरह से सुस्त एवं शांत हो गए हैं तो कुछ लोग विकृत मानसिकता के शिकार हो गए हैं, और वह उनका स्वभाव किसी आदमखोर जानवर की तरह हो गया है। कई छोटे-छोटे देश तो पूर्णतया समाप्त हो गए हैं। अब वहां जंगल एवं जंगली जानवरों का वर्चस्व है। जो कुछ थोड़े बहुत बचे हुए हैं वह भी जंगलों में जानवरों की जैसी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। बड़े-बड़े देशों ने मिलकर एक वैज्ञानिक रिसर्च सेंटर बना रखा है जहां के डॉक्टर दिन-रात इस कोशिश में लगे हुए हैं कि इस कोरोनावायरस का कोई ऐसा एंटीडोज बनाया जाए जिससे कि मनुष्य पूरी तरह से सुरक्षित हो सके। परंतु वह अब तक पूर्ण पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाए हैं। चीन जिसे इस वायरस  की मातृभूमि कहा जाता है वह भी बुरी तरह से इसकी चपेट में आ गया है। शायद वह अपने बनाए जाल में खुद ही फंस गया है और अब उसे बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा। कहां तो वह विश्व गुरु बनने का सपना देख रहा था मगर आज स्थिति यह है कि वह भी अन्य देश के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कोरोनावायरस से निपटने का उपाय ढूंढने में लगा हुआ है।
भारत में भी सरकार अपने देश की जनता को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही हैं।  देश में सभी सड़को और बाजारों को पूरी तरह से वायरस प्रूफ बना दिया गया है और इसमें सबसे बड़ा सहयोग है डॉक्टर प्रधान का। डॉक्टर प्रधान एक बुजुर्ग वैज्ञानिक है परंतु वह बेहद स्वस्थ एवं फूर्तिले हैं और उनका दिमाग तो किसी कंप्यूटर से भी तेज काम करता है। यूं तो  उनकी उम्र के बहुत सारे वैज्ञानिक इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। देश की जनसंख्या भी एक तिहाई है बची हुई है परंतु डॉक्टर प्रधान ने एक उपाय निकाला जिस पर सरकार ने भी अमल किया और पूरी देश के सभी लोगों को सिर्फ एक शहर में इकट्ठा करके और उस शहर को पूरी तरह से वायरस प्रूफ बना दिया गया। इसके लिए डॉक्टर प्रधान के द्वारा अविष्कार किया गया एक विशेष प्रकार की कांच से पूरे शहर को ,गलियों को एवं बाजारों को कवर कर दिया गया है। देश की जो भी बची खुची जनता है वह इन्हीं कांच की दीवारों के बीच अपना जीवन यापन कर रही है। सरकार तो निश्चिंत हो गई है क्योंकि उनके अनुसार अब जनता सुरक्षित है परंतु डॉ प्रधान बेहद चिंतित हैं। क्योंकि उन्हें मालूम है कि मनुष्य को इस तरह से बहुत ज्यादा दिनों तक बंद करके नहीं रखा जा सकता। इस तरह से उनका मानसिक विकास पूरी तरह से रुक जाएगा और मनुष्य धीरे-धीरे एक मशीन बनकर रह जाएगा.... एक जिंदा लाश....। रात के 2:00 बजे हैं मगर वह अभी भी अपनी प्रयोगशाला में जीवन का विकल्प तलाशने में जुटे हुए हैं......

शेष कहानी अगले भाग में ......
Ram Sewak gupta

Ram Sewak gupta

अच्छी कहानी है आपकी धन्यवाद जी

13 मार्च 2022

1 जनवरी 2022

Anita Singh

Anita Singh

बहुत ही असधारण शुरुवात ,ये परिकल्पना भी रोंगटे खड़े कर दे रही है, सदी के सर्वश्रेष्ट मानव की यह गती सिहरन जगा रही है. ......रोचक लग रहा है साथ में डॉ. प्रधान का पात्र उत्सुक्ता भी जगा रहा है

30 दिसम्बर 2021

Naya Savera

Naya Savera

अति सुंदर विज्ञान कथा

26 सितम्बर 2021

Artee

Artee

30 दिसम्बर 2021

धन्यवाद जी

Shailesh singh

Shailesh singh

भविष्य काल और विज्ञान का समावेश करके बेहतरीन लेख बनाया है अगले अध्याय का इंतज़ार रहेगा

24 सितम्बर 2021

17
रचनाएँ
अंत ही आरम्भ है
5.0
ये एक विज्ञान गल्प् है
1

भाग - 1 अनजान जीव का कहर

24 सितम्बर 2021
23
5
6

<div>वर्ष 2050 का समय चल रहा है। पिछले 30 सालों से कोरोनावायरस ने दुनिया में भयंकर तबाही मचा रखी है।

2

भाग-२ प्रोजेक्ट ग्रीनलैण्ड -२०

25 सितम्बर 2021
10
6
2

<div><br></div><div><br></div><div>आज उन्हें अपने अनन्य मित्र प्रोफेसर दिवाकर की बहुत ज्यादा याद आ र

3

भाग -३ अनजान ग्रह की ओर

25 सितम्बर 2021
9
8
2

<div>"हां बेटा, क्योंकि वह प्रयोग के नाम पर किसी और की जिंदगी को खतरे में नहीं डालना चाहते थे, और सर

4

भाग- ४ कैसा होगा अनजान ग्रह का सफर

26 सितम्बर 2021
6
3
4

<div>"आज इस धरती पर हर कोई अपनी खुशियों को ही तलाश कर रहा है पापा, लेकिन शेखर तो इस दुनिया के लोगों

5

भाग -७ सामने मौत खड़ी थी या जिंदगी

26 सितम्बर 2021
5
6
4

<div>शेखर को धीरे-धीरे होश जाने लगा, तो उसने पाया कि वह एक परखनली नुमा शीशे में कैद ह। वह परखनली काफ

6

भाग -८ घर से टूटा संपर्क

27 सितम्बर 2021
4
5
3

<div>"..हमें तो 15 दिन के अंदर अपने घर पर वापस पहुंचना था .....वहां सब काफी चिंतित हो रहे होंगे । हम

7

भाग -९ अद्भुत दृश्य

27 सितम्बर 2021
4
4
2

<div>अंत ही आरंभ है --9</div><div><br></div><div><br></div><div>शेखर अभी कमरे की उज्जवलता को निहार ह

8

भाग -१० नए ग्रह के नए रहस्य

27 सितम्बर 2021
6
4
2

<div>"हमें नहीं मालूम कि तुम्हारी दुनिया में इस विषय में किस प्रकार की कहानियां प्रचलित है ,परंतु जो

9

भाग - ११ धरती पर वापसी --- संभव या असंभव

30 सितम्बर 2021
3
6
2

<div>"</div><div>" हां कहने को तो हम चार हैं लेकिन इन दोनों को मैंने ही बनाया है।"-- गुरुजी ने गजनिश

10

भाग -१२ नई मुसीबत से सामना

30 सितम्बर 2021
5
8
2

<div>" क्योंकि नैना गर्भवती है वह तुम्हारे बच्चे को जन्म देने वाली है। और गजनिशिथिका यह चाहते हैं कि

11

भाग -१३ बचना है मुश्किल

30 सितम्बर 2021
4
7
2

<div>"अगर हमलोग अपने ग्रह पर सही सलामत पहुँच गए तो ये आपका बहुत बड़ा उपकार होगा हम पर.... लेकिन

12

भाग १४ अब कौन बचायेगा

3 अक्टूबर 2021
3
4
2

<div>शेखर समझ रहा था कि वो ज़रूर कोई चाल चल रहा है। हो सकता है कि वो नैना के बच्चे का सहारा लेकर इस ग

13

भाग -15 माया की मदद

8 अक्टूबर 2021
5
3
2

<div>शेखर अभी भी बिस्तर से पूरी तरह बंधा हुआ था। उसने आंखें खोलकर चारों तरफ देखा तो सामने का पर्दा ह

14

एक और मुसीबत

24 नवम्बर 2021
4
1
2

<div>"देखो गजनिशिथिका!! हम दोनों तुम्हारा सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बशर्ते कि तुम ह

15

पृथ्वी पर वापसी

30 नवम्बर 2021
3
1
2

<div>तभी उसे नैना की बात याद आई। उसने कहा कहा था कि वह हमेशा गजनिशिथिका के साथ ही रहती है, लेक

16

अंत ही आरंभ है भाग - 18

14 दिसम्बर 2021
6
1
2

<div>"तुम दोनों पृथ्वी ग्रह पर ही हो और यह वही स्थान है जिस स्थान का रेखाचित्र तुमने अपने मन मस्तिष्

17

अंतिम भाग

23 दिसम्बर 2021
7
1
2

<div>" होना क्या है ,अब तक जो भी होता आया है वह प्रकृति के मुताबिक हुआ है। मैं भी अब तक यही सो

---

किताब पढ़िए