14 दिसम्बर 2021
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मैं एक लेखिका हूं मैंने हिन्दी से स्नातकोत्तर, DCH (Diploma in creative writing in Hindi) किया है। अभी मैं अपना प्रखरगूंज पब्लिकेशन में सह संपादक हूं D
बढिया 👌
1 जनवरी 2022
बढ़िया
31 दिसम्बर 2021
<div>वर्ष 2050 का समय चल रहा है। पिछले 30 सालों से कोरोनावायरस ने दुनिया में भयंकर तबाही मचा रखी है।
<div><br></div><div><br></div><div>आज उन्हें अपने अनन्य मित्र प्रोफेसर दिवाकर की बहुत ज्यादा याद आ र
<div>"हां बेटा, क्योंकि वह प्रयोग के नाम पर किसी और की जिंदगी को खतरे में नहीं डालना चाहते थे, और सर
<div>"आज इस धरती पर हर कोई अपनी खुशियों को ही तलाश कर रहा है पापा, लेकिन शेखर तो इस दुनिया के लोगों
<div>शेखर को धीरे-धीरे होश जाने लगा, तो उसने पाया कि वह एक परखनली नुमा शीशे में कैद ह। वह परखनली काफ
<div>"..हमें तो 15 दिन के अंदर अपने घर पर वापस पहुंचना था .....वहां सब काफी चिंतित हो रहे होंगे । हम
<div>अंत ही आरंभ है --9</div><div><br></div><div><br></div><div>शेखर अभी कमरे की उज्जवलता को निहार ह
<div>"हमें नहीं मालूम कि तुम्हारी दुनिया में इस विषय में किस प्रकार की कहानियां प्रचलित है ,परंतु जो
<div>"</div><div>" हां कहने को तो हम चार हैं लेकिन इन दोनों को मैंने ही बनाया है।"-- गुरुजी ने गजनिश
<div>" क्योंकि नैना गर्भवती है वह तुम्हारे बच्चे को जन्म देने वाली है। और गजनिशिथिका यह चाहते हैं कि
<div>"अगर हमलोग अपने ग्रह पर सही सलामत पहुँच गए तो ये आपका बहुत बड़ा उपकार होगा हम पर.... लेकिन
<div>शेखर समझ रहा था कि वो ज़रूर कोई चाल चल रहा है। हो सकता है कि वो नैना के बच्चे का सहारा लेकर इस ग
<div>शेखर अभी भी बिस्तर से पूरी तरह बंधा हुआ था। उसने आंखें खोलकर चारों तरफ देखा तो सामने का पर्दा ह
<div>"देखो गजनिशिथिका!! हम दोनों तुम्हारा सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बशर्ते कि तुम ह
<div>तभी उसे नैना की बात याद आई। उसने कहा कहा था कि वह हमेशा गजनिशिथिका के साथ ही रहती है, लेक
<div>"तुम दोनों पृथ्वी ग्रह पर ही हो और यह वही स्थान है जिस स्थान का रेखाचित्र तुमने अपने मन मस्तिष्
<div>" होना क्या है ,अब तक जो भी होता आया है वह प्रकृति के मुताबिक हुआ है। मैं भी अब तक यही सो