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भारत की आजादी ?

28 जनवरी 2015

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कितना कौतूहल होता है यह सुनकर कि "भारत तो एक स्वतंत्र देश है, और हम उस देश के वाशी हैं"। परंतु शाश्वत सत्य तो यह है कि हम अभी भी गुलाम है, अंतर तो मात्र इतना है कि पहले गोरे चमङे वालों के थे अब काले चमङे वालों के। अाखिर कब तक हम भारतीयों को इस मानसिक गुलामी के जंजीरों से अाजादी मिलेगी। आखिर कब तक हम इस गुलामी के कङवे जहर को पीते रहेंगे़, अौर गर्व से छाती फुलाकर हुंकार भरेंगे कि" भारत माता की जय।" वह रे माँ ये कैसी तेरी लीला है. जय हिंद जय भारत। हे माँ भारती हमारे सोते हुए शेरों को जागरूक कर क्योंकि अब जागने का वक्त आ गया है। बन्दें गौ मातरम्।।।।भारत माता की जय!!!! सुबीर कयाल।
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हे माँ शारदे कुछ ऐसी कृपा कर दे।।

28 जनवरी 2015
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हे माँ शारदे कुछ ऐसी कृपा कर दे, हाथ उठा अपना हमें भारतीय बना दे। पूत सोवे तेरे उन्हें अंग्रेजीयत भावे, वरदान दे माँ कुछ ऐसी कृपा कर माँ, तेरा ही गुण गावे अंग्रेजीयत भगावें। हे माँ शारदे कुछ ऐसी कृपा कर दे।। तुम ही जगदम्बा तुम ही माँ काली, तुम ही माँ शारदा सबकी रखबाली। इस बंसन्त उत्सव कुछ ऐस

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भारत की आजादी ?

28 जनवरी 2015
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कितना कौतूहल होता है यह सुनकर कि "भारत तो एक स्वतंत्र देश है, और हम उस देश के वाशी हैं"। परंतु शाश्वत सत्य तो यह है कि हम अभी भी गुलाम है, अंतर तो मात्र इतना है कि पहले गोरे चमङे वालों के थे अब काले चमङे वालों के। अाखिर कब तक हम भारतीयों को इस मानसिक गुलामी के जंजीरों से अाजादी मिलेगी। आखिर कब

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