भारतवर्ष की आदिकाल से ही पुनर्जन्म पूर्वजन्म कर्म के सिद्धांत यानि माया के आधीन के परे बर्ह्म व परबर्हम है ये सिर्फ मान्यता ही नन्ही सत्य हे जो आज भी भारतवाशी जी रहे है इसीलिए अनुशासित है अपने आप में . यही दर्शन भारतवाशियों को जियो और जीने दो की तरफ ले जाता है यही दर्शन ब्रह्माण्ड में शांति के लिए है इस सत्य का स्वीकार ही शांति, शांति, शांति.