मैं हूँ खुला आसमान। दिल मे हैं कई राज।
मैं बताऊँ तुम सुनो। बनो मेरे हमराज।
सावन की रिमझिम फुहारे
दिल को सुकून दे जाती हैं।
पतझड़ के लहराती फिजाये
दिल मे शोर मचाती हैं।
गगन मे कड़कती बिजलियां।
दिल को बेचैन कर देती हैं।
गर्मी मे खिलखिलती धुप।
दिल मे हलचल मचाती हैं।
भयकर गर्मी के बाद हवा का चलना।
दिल को चैन दे जाती हैं।
कड़के की सर्दी मे धुप का निकलना।
चेहरे पर मुस्कान दे जाती हैं।
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