कोख से निकलते ही रोने की शसकियां।
उतनी दर्द मे भी एक मुस्कान दे जाती हैं।
हूँ हूँ करती की अद्भुत किलकरियां।
बेचैन दिल को एक चैन दे जाती हैं।
माँ माँ करती वो प्यारी आवाज।
दिल को राहत दे जाती हैं।
दो दांतों के साथ दादा पापा कहना।
सभी के चेहरे पर खुशी दे जाती हैं।
अटक अटक जिसका कोई मतलब ना हो बोलना।
दिमाग का दही कर जाती हैं।
इनकी किलकरियां🤔
:- नेहा