कितने खुशनसीब होते हैं।
जिनके परिवार होते हैं।
एक परिवार हमे कितनी देती हैं खुशी।
जैसे एक हार बिन मोती।
जहाँ दिये हैं गिले शिकवे।
वहाँ हैं मोहब्बत के तराने।
जहाँ हैं होते हैं अपने के कई राज।
वहाँ हैं भूलने के साज़।
क्या करोगे उसका राज जानकर।
भूल जाओ उसका हैं मामला ये सोचकर।
कभी नानी घर जाने की खुशी।
कभी सब संग हंसी मजाक करते।
शादी मे सबका आना।
खुशी का आना हैं एक बहाना।
पर्व त्यौहार मे कहाँ अकेले मन हैं
लगता।
दिखावा तो करते हैं खुश रहने का।
लेकिन दिल कहाँ खुश रहता हैं।
अपनो मे ही ढूंढे खुशी।
बस यही हैं एक जिंदगी।
हमेशा खुश रहे अपनो का ख्याल रखे।
:- नेहा🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏