पतझड़ में मोरे सवारियां..
हो जावे है वबारिया..
ना जाने कैसा है ये मौसम..
ना जाने त्वचा कब हो रेशम..
चला है हवा पछिया का..
जैसे मौसम आया है खुजली का..
जहाँ बैठो कहाँ हैं चैन..
हर जगह खुजये कर दे बेचैन..
देखो तो जैसे करे है डिस्को भंगाडा...
बस चले करे हमेशा झगड़ा...
Collection है बॉडी लोशन का
जब लोशन काम ना आवे..
सरसों तेल की याद सातवे..
ऐसा ही ये मौसम...
ना त्वचा हो रेशम..
🙏🙏🙏🙏