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भीड़तंत्र

1 नवम्बर 2022

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गुजरात मोरबी पुल हासदा गुजरात में हुए हासदे में 90 से 120 लोग मारे गए करीब 150 से अधिक लोग घायल हो गए ।घायल हुए अब भी दम तोड़ रहे है ।मोरबी में मच्छू नदी का केबल गिरा करोड़ो की लागत से रंग रोगन पुल का एंकर पिन मजबूत नहीं था ।इसकी क्षमता 125 व्यक्ति की थी लेकिन 250 से अधिक को प्रवेश दिया गया था  यह पुल 200 साल पुराना था कहा जा रहा है अचानक पुल क्षण में ही ढह गया ।देश के सभी पुराने पुल की सरकार को जाँच करनी चाहिए जिससे इस तरह की घटना न होने पाए । इस हासदे से देश भावुक है।आजकल हासदे बहुत बड़ गए है । जगह जगह दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है । चाहे सड़क दुर्घटना हो विमान या कारख़ाना या अन्य घरेलु हिंसा,सम्प्रदायिक दंगे । हमे सचेत रहना चाहिए ।कब हम पर बला आ जाये और हम उसका शिकार हो । सड़क दुर्घटनाएं तो लापरवाह चालक के कारण होता है । भीड़ में अधिकतर अन्य घटनाए घटती है ।सार्वजनिक निर्माण कार्य सही ढंग से हो नहीं पाता कमिशन के चक्कर में लोग घटिया मटेरियल इस्तेमाल करते हैं जिससे वह लम्बे समय तक सुरक्षित नहीं रह पाते ।भवनो, पुल व सड़क के निर्माण ठेकेदारों द्वारा जल्दबाजी में कार्य कर देते है ।पैसे बचाने के लिए कम गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग करते है जिससे समय से पहले जर्जर की स्थिति बन जाती है । स्कूल-कालेज को तो गुणवत्ता युक्त बनाने चाहिए क्योंकि बच्चे वहां अध्ययन करते हैं ।कई मंजिल इमारत को मापदंडों को लेकर बनाने चाहिए अक्सर ढहने की संभावनाए रहती है ।

अब हर जगह भीड़ रहती है। भीड़ ही दुर्घटना का कारण बनता है। जनसंख्या में इतनी वृद्घि हो चुकी है कि धरती इतना बोझ सह नही पायेगी। देखो चीन और भारत की जनसंख्या कितनी बढ़ गई है। किसी सभा में भीड़ हो या किसी सड़क में कार की भीड़ या किसी धार्मिक पर्यटन स्थल पर भीड़ हो ऐसी स्थिति में दुर्घटनाएं होना लाजिमी है। अक्सर पब्लिक सार्वजनिक स्थान पर स्वंतत्र हो जाते है और अनियंत्रित व्यवहार करने लगते हैं। जो दुर्घटनाओं का कारण बनता है।

हमे इस लोकतंत्र को भीड़तंत्र नही बनाना है। बढ़ती जनसंख्या के विषय पर सोचना होगा। हमें अपने ही घरो में स्वयं की मानसिकता को बदलना होगा।नीव से ही तो भवन खड़ी होगी। एक एक व्यक्ति को जागरुक होने की जरुरत है।


Save tree 🌲save earth 🌏&save life❤ 

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रचनाएँ
तकनीक
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दैनिक जीवन में तकनीक ने क्रांति ला दी है। क्या हम इसका उपयोग अपने को विकसित करने पृथ्वी को बचाने व जागरुकता लाने में कर सकते है। हमारे पास नये नये खोजो से चलने वाले यन्त्र है जो आज तीव्र गति से पैर पसार चुके है जिसके हम आदि है और हमारी धरती जो हरी भरी है जो विकृत हो रही है।हम दोनो में कैसे तालमेल बिठाए।
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