
प्राकृतिक संसाधन क्या है? वह संसाधन जो प्रकृति ने दिया है जिसे मानव ने नही बनाया प्राकृतिक संसाधन कहलाता है । पृथ्वी के अन्दर कोयला पेट्रोलियम खनिज सम्पदा सीमित मात्रा में उपलब्ध है ।पृथ्वी के बाहर भी सूर्य हवा मिट्टी पेड़ पौधे जैसे संसाधन भरपूर मात्रा में उपलब्ध है । प्राकृतिक संसाधन के बदौलत दुनिया की अर्थव्यवस्था चल रहा है । प्रतिदिन हम ईंधन का उपयोग करते हैं । सुबह से ही इसका उपयोग शुरू हो जाता है जो रात के सोने तक चलता है । प्राकृतिक संसाधन के किस रूप को हम इस्तेमाल करते हैं । घरो में गैस का उपयोग ,वाहन में पेट्रोल डीजल ,कमरो में प्रकाश की व्यवस्था ,कारखानों में कोयला कच्चे माल की पूर्ति आदि किससे बने है ।गरीबो के घरो में जलने वाले लकड़ी सभी प्रकृति प्रदत्त है । सोचो ये न होता तो हमारा जीवन कैसा होता ।
पृथ्वी पर मनुष्य के साथ साथ जीव जन्तु भी रहते है ।
उनका भी यहाँ रहने का अधिकार है हम सड़क बनाते हैं जंगल नष्ट करते है उस जंगल में पशु-पक्षी निवास करते है । आप कहेंगे अब तो उतना जंगल नही तो फसल के क्षेत्रफल में कमी तो होगी किसी सांप या केकड़े का बिल तो उजड़ेगा। जितने भी जीवाश्म ईंधन है उनका पुनर्नवीनीकरण नहीं होता है कोयला पेट्रोलियम आदि सिमित मात्रा में उपलब्ध है 2050 तक समाप्त हो जायेंगे।ऐसे में विकल्प तलाशने होंगे जो अब इलेक्ट्रॉनिक रूप ले चुका है ।फिर भी पुरा होने में समय लगेगा ।सऊदी अरब देशो ईरान इराक की स्थिति गम्भीर हो सकते है । पेड़ पौधे भी अधिक कट रहे है जिससे जीव जंतु विलुप्त हो रहे है । एक पौधे को पेड़ बनने में 7 से 8 साल लग जाते है । लोग वृक्षारोपण तो कर देते है पर उसका सुरक्षा नही कर पाते ।कार्बनडाइऑक्साइड व सल्फर ड़ायअक्साइड कार्बन उत्सर्जन से अम्ल वर्षा होता है जो नुकसानदायक है ।

प्राकृतिक संसाधन के महत्व कई है ।जल जिसके बिना जीवन की कल्पना नही कर सकते है । पृथ्वी का 75 प्रतिशत भाग जल से ढका है ।इस पानी में 97 प्रतिशत समुद्र जल व 3 प्रतिशत ही हमारे उपयोग का है । फसल व पीने के लिए पानी का हम उपयोग करते है । मिट्टी हमारा भवन धरातल पर टिका है ।सभी साक-सब्जी फसल मिट्टी में ही उगाया जाता है । वायु में उपलब्ध आक्सीजन जिससे हम साँस लेते है ।इसके बिना जीवित नहीं रह सकते है। वायुमंडल में 21प्रतिशत ओटू है ।हवा का उपयोग विदयुत उत्पादन में भी किया जाता है । पेड़ पौधे भी हवा का उपयोग करते है । खनिज लोहा,सोना,तांबा,पेट्रोल का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन करते है ।
मनुष्य ने प्राकृतिक संसाधन का अत्यधिक दोहन करना शुरु कर दिया है । खनिज संपदा तो अन्त होने के कगार पर है जिसे नवीनिकरण नहीं कर सकते है। नदियाँ प्रदूषित हो रही है पालीथीन व अन्य कचरे से नदी विषैला हो रहा है । सिचाई के लिए खेत में छोड़े पानी का अधिकांश जल बेकार बह जाता है । गावों व नगरो में नल बहता रहता है जिसे बन्द नही करते है या देर से बन्द करते है । मिट्टी रासायनिक खाद व कीटनाशकों से विषैला हो रहा है । कृषि भूमि कम हो रहा है नगरीकरन हावी जो है । हवा भी अछुता नही है वाहनो के धुआँ व कारख़ानों के चिमनी से निकले धुएँ से हवा प्रदूषित हो रही है ।
हम अपने प्रति बेहोश है तो पर्यावरण के प्रति कैसे जागरूक होंगे । भूत और भविष्य की चिंता में वर्तमान में जीना भूल गए हैं । दूर का चिन्तन नहीं कर पाते अभी तक चिन्तनशील नहीं हुए हैं । हमारी बेहोशी से न जाने कितने अहित हुए है ।ये पृथ्वी सुन्दर है इसकी सुंदरता को हमने ठीक तरह से नही पहचाना है । जो हमारा मित्र है मुफ्त में हमे मिला है उसकी सुरक्षा करे ।
Save tree 🌲save earth 🌏&save life❤