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बिखरते रिश्ते

12 जनवरी 2022

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मसकते आज के रिश्तों में

समय की कमियां झलकती है।

जब टूटती है स्नेह की तुरपाई

फिर रिश्तो से कड़वाहट की बू आती है।


आधुनिकता के दौर के ये रिश्ते

अपने तरुनावस्था को भी न पार पाते है।

रिश्तों  के  ये  बीज

अंकुरित होते ही मुरझा जाते है।


उच्च-नीच, दिखावे-छलावे की छांव में

क्या खाक पनपेंगे मधुर रिश्ते।

पनपने के पहले ही ये रिश्ते

धरा पर राख हो जाते है।

                                      आनन्द/12012022

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रचनाएँ
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रक्तदान

14 जनवरी 2022
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   हे मानव ! मानवता के पुजारी,जीवो में तुम सबसे ज्ञानी। मानव जरूरत पड़ने पर,मानवता का ना फर्ज निभावे ऐसे मानव तो मानव के लिए शाप समान ही होते है। जो मानव धर्म को पूरा न करे,जानवर से बढ़कर होते है। व

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सपने

16 जनवरी 2022
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16 जनवरी 2022
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हे नारी शक्ति, हे सृजनकारी जगत में आपका सम्मान रहे। मने न मने यह दिवस नाम का सच्ची श्रद्धा व विश्वास रहे।। नारी सशक्तीकरण पर जोर रहे उन्हें समान अधिकार मिले दूषित जनो की दूषिता पर कठिन कारावास मिल

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बावरी बारिश का रंग बावरा

16 जनवरी 2022
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बारिश हो रही है ऐसे सावन की छटा हो जैसे। बारिश की ये बूंदे ऐसी छोटी छोटी मोती जैसी। थमक-थमक कर बरश रही है कृषक की हृदय धरक रहा है। फसलो की हुई बर्बादी  तेज पवन संग आयी बारिश। बिन मौसम हुई बरसात

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16 जनवरी 2022
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है वंदन उन्हें जो अपना,तन समर्पित कर गए मातृ भूमि के लिए बलिदानो की बली चढ़ गए। हमारे शौर्य की गाथाये पुरानी है सिंह के दांत गिनने की हमारी कहानी है। झुक नही सकता सिर हमारा,दुश्मनो के सामने भिड़ ज

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पर्यावरण

16 जनवरी 2022
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मेघ

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भेद-भाव

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