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बिपिन कुमार के बारे में

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बिपिन कुमार की पुस्तकें

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बिपिन कुमार के लेख

सुबह

29 जनवरी 2015
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जय श्री राम ,जय श्री कृष्णा

हँसी

28 जनवरी 2015
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हसी के नग्मे गाते रहो , वक़्त निकल कर मुस्कुराते रहो , जिंदगी कब देती है मौका बार -बार , मौका धून्डो और खिल खिलते रहो

JIWAN

28 जनवरी 2015
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सुबह का मतलब केवल सूर्योदय नहीं होता, यह सृष्टि की खूबसूरत घटना है जहां अंधकार को मिटाकर सूरज नई उम्मीदों का उजाला फैलाता है बिंदास मुस्कुराओ क्या ग़म हे,.. ज़िन्दगी में टेंशन किसको कम हे.. अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम हे.. जिन्दगी का नाम ही कभी ख़ुशी कभी गम हैं ।

ZINDGI

28 जनवरी 2015
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Zindagi Me Khud Ko Kabhi Kisi Insaan Ka Aadi Mat Banana Kyunki Insaan Bohot Khudgarz Hai jab Apko Pasand Kerta Hai Toh Apki Burai Bhool Jata Hai Aur Jab Aapse Nafrat Krta Hai Toh Aapki Achhai Bhool jataHai

VAJAH

28 जनवरी 2015
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हर इंसान हमारी ज़िन्दगी मई किसी वजह से अत है मगर च.द लोग ऐसे भी होते हैं जो हमारे sath bagair किसी वजह k rahtay हैं or sirf wohi hamara sath kabhi nhi chortay .".....

BHAWNA

28 जनवरी 2015
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मैनें सबकुछ पाया सांवरे, बस तुझको पाना बाकी है.... युं तो मेरे घर में कुछ कमी नहीं, बस तेरा आना बाकी है.. सभी को ख़ुशी नशीब नहीं होती और जिन्दगी सब की खुश नशीब नहीं होती लेकिन जिनको मिल जाय़े मेरे "श्याम"प्रभु का आशीर्वाद उसकी जिन्दगी कभी बदनसीब नहीं होती............Jai Shree Krishna

KHUSIYA

28 जनवरी 2015
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कोई खुशियों की चाह में रोया कोई दुखों की पनाह में रोया.. अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का.. कोई भरोसे के लिए रोया.. कोई भरोसा कर के रोया.........

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