ये दोस्त दोस्तो की हे रितिक ओर विक्की जो सच्छे दोस्त थे जो किसी वजह से अलग हो गए पर ऐसा किया हुआ उनके बीच जो अलग हो गए /एक दिन की बात है जो रितिक ने उसे देखा उसने सोचा यही मेरा सच्चा दोस्त हे उसने इससे दोस्ती करने के लिए बहुत कोसिस की ओर आख़िर कर वो सफल हो गए ओर दोनों में दोस्ती हुई दोनों अच्छे दोस्त बने पर एक दिन लोगो की बाते में आ कर विक्की ने रितिक से दोस्ती तोड़ दी पर रितिक ने उससे दोस्ती नहीं तोड़ी कियुकि उसने उसे एक सच्चा दोस्त माना था पर किस्मत मत को कुछ ओर ही मंज़ूर था रितिक ने पूरी कोशिश की उसे मनाने की पर कोई फायदा नहीं हुआ उसने एक बार भी रितिक से नहीं पूछा कि उसकी गलती किया थी बस लोगो ने कहा तो उसने लोगो की सुनी अपने दिल की नहीं दिल की सुनता तो ऐसा कभी नहीं करता पर कोई बात नहीं थी रितिक ने हार नहीं मानी और कोशिश करता रहा विक्की ने उसका नंबर भी ब्लॉक कर दिया रितिक ने फिर भी हार नहीं मानी और कोशिश करता रहा उसने दूसरों से हेल्प मांगी फोन करने के लिए वो उससे हमेशा। के लिए दूर हो गया ओर उसकी जिंदगी ऐसे हो गई जैसे हवा के बिना जीना उसको आज भी लगता है कोई तो होगा जो उसको उसके दोस्त से मिलाने में हेल्प करेगा उसने अब सब कुछ भगवान् के हवाले छोड़ दिया है जो होगा सब अच्छा होगा ओर अपना काम करता था
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