हिंदी साहित्य के परिदृश्य में विश्वसनीय उपस्थिति के साथ डॉ. बृजेंद्र कुमार अग्निहोत्री सार्थक रचनाकार के रूप में स्वीकार किए जाते हैं। ‘यादें’, ‘पूजाग्नि’ और ‘ख़्वाहिशें’ में संग्रहीत इनकी कविताएं जनसामान्य के हृदय को संवेदित कर एकाकार कर लेने में समर