*बुंदेली कुण्डलिया:-*दारू में गुन भौत है, दारू करती ढ़ेर।दारू से कइयक मिटे, पार लगे ना फैर।।पार लगे ना फेर, ग्रहस्थी चौपट देखें |आन-वान सँग
*हिंदी दोहा बिषय- तिरंगा**1*जहाँ तिरंगा देखता , जुड़ते #राना हाथ |जन गण मन के गीत पर , उन्नत रखता माथ ||*2*नौ अगस्त व्यालीस को , #राना था आव्हान |गोरो
#जय_बुंदेली_साहित्य_समूह #बुंदेली दोहा बिषय- #बतकाव सबइ जगत्तर जानतइ , बुंदेली बतकाव | लगै रसीले आम-सो , #राना सबखौ भाव || जौ अपने बतकाव से , सबखौ लेतइ जीत | #राना ऊकै पास से , दूर
#जय_बुंदेली_साहित्य_समूह #टीकमगढ़ #ग़ज़ल- राना सवाल रखता है-* उसी से रिश्ता बनाते जो माल रखता है। जहां में कौन किसी का ख्याल रखता है।। मतदाता भी लाचार है और लालची। चुनाव में तो वो, वादों का जाल रखता ह
गुरू पूर्णिमा पर विशेष- "गुरु को समर्पित दोहे" आज दिवस गुरु पूर्णिमा, मना रहे हम आप । इष्ट मंत्र का नित्य ही, करिए मन से जाप ।।
*हिंदी दोहा बिषम-धुन**1*उनकी धुन #राना नमन, जिनके अद्भुत काम |उनमें से ही एक थे , जिनका नाम कलाम ||*2*भगतसिंह- आजाद का ,#राना है सम्मान
*हिंदी दोहे- बिषय- मंत्र* *1*मूल मंत्र #राना रखो , विद्या विनय विवेक |बाधाएँ सब दूर हों ,मिले सफलता नेक || &
*ग़ज़ल-रुला देते हैं*इस तरह लोग मोहब्बत में दगा देते हैं।दिल को तड़पाते है और रुला देते हैं।।वोट की खातिर गधों को भी मना लेते हैं।जीत के बाद ही जनता को भुला देते हैं।।वो तो हैवां हैं जो इंसां की मदद क
*हिंदी दोहा बिषय- दृष्टि**1*दिव्य दृष्टि से देखिए, दिखे दिव्य दरबार।दवा, दुआ औ दान से,देव करे उद्धार।।****2*सहनशक्ति बिल्कुल नहीं,कैसे हो उद्धार।।थोड़ा सा भी दुख हुआ,पंहुते देवी द्वार।।****3*प्रक