1
आंसुओं के घर शमा रात भर नहीं जलती ,
आंधियां हों तो कली डाल पर नहीं खिलती |
धन से हर चीज पाने की सोचने वालो ,
मन की शांति किसी दुकान पर नहीं मिलती |
२
फूल कली न हों तो चमन नहीं होता ,
सूर चन्द्र के बिना गगन नहीं होता |
वह सबसे अभागा गरीब है जग में ,
जिसके पास प्यार का धन नहीं होता |
३
भाग्य में अपने क्या बस काली रात है ,
नयन ने पाई आंसू की सौगात है |
बस ऊंचे भवनों तक आता उजियारा ,
गाँव में अपने उगता अजब प्रभात है |
४
मैंने उगता छिपता सूरज देखा है ,
क्षितिज नहीं कुछ भी बस भ्रम की रेखा है |
तुम शासन के प्रगति आंकड़े मत बांचो ,
भोग रहे जो बस वह असली लेखा है |