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छठ पूजा

5 नवम्बर 2024

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छठ पूजा: आस्था और सूर्य उपासना का पर्व

छठ पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य भगवान और उनकी पत्नी उषा को समर्पित है। छठ पूजा का अनोखा महत्व है क्योंकि इसमें लोग अपने परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की लंबी उम्र और रोगमुक्त जीवन के लिए सूर्य देवता से आशीर्वाद मांगते हैं। यह पर्व आत्मसंयम, अनुशासन, और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।

छठ पूजा मुख्य रूप से चार दिनों का होता है, जिसमें खासतौर पर उपवास, जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देना, और पवित्रता से पूजा करना शामिल है। इस पूजा में व्रती (जो उपवास रखते हैं) पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ सूर्य देवता की उपासना करते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि सूर्य देव हमारे जीवन को प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करते हैं, और उनकी उपासना से स्वास्थ्य, संतान सुख और खुशहाली मिलती है।

छठ पूजा के चार दिनों का क्रम:

1. नहाय-खाय (पहला दिन): छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होता है। इस दिन व्रती पवित्रता का पालन करते हैं और केवल एक बार शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं।


2. लोहंडा और खरना (दूसरा दिन): दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन का उपवास रखते हैं और शाम को पूजा के बाद खीर-रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं।


3. संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन): तीसरे दिन व्रती नदी, तालाब या किसी जलाशय के किनारे जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह मुख्य पूजा का दिन होता है, जिसमें परिवार और समाज के लोग मिलकर शामिल होते हैं।


4. प्रातः अर्घ्य (चौथा दिन): चौथे और अंतिम दिन सूर्योदय के समय उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रती अपना व्रत तोड़ते हैं और घर में प्रसाद बांटते हैं।



छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा में सूर्य देवता और उषा का पूजन करने का वैज्ञानिक महत्व भी है। यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। सूर्य की रोशनी में विटामिन डी का स्त्रोत होता है, और जल में खड़े होकर पूजा करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इस पर्व में शुद्धता और अनुशासन का पालन करना आत्मा को शुद्ध करता है और मानसिक शक्ति बढ़ाता है।

छठ पूजा पर कविता

सूरज के अर्घ्य का त्योहार,
छठ पूजा लाए खुशियों की बहार।
नदी किनारे उमड़े जनसैलाब,
हर चेहरा रोशन, हर मन बेमिसाल।

शुद्धता, संयम और श्रद्धा की है यह पूजा,
सुख-समृद्धि के लिए सबका जुटा है हुजूम।
सूर्य की किरणें चमकाएं जीवन,
छठ का पर्व बनाए खुशहाल हर भवन।

व्रती की मन्नतें सूर्य सुनेंगे,
आशीर्वादों से जीवन सजेगा।
करें आराधना सच्चे मन से,
छठ का त्यौहार यूँ ही सजेगा।

छठ पूजा का पर्व हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ता है और यह सिखाता है कि प्रकृति की शक्ति का आदर करना आवश्यक है। यह पर्व परिवार, समाज, और हमारी आत्मा को एक सूत्र में बांधने का संदेश देता है।

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रचनाएँ
लफ्जों के अल्फाज
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इस पुस्तक माध्यम से मेरे दैनिक विचारों का संगम आपके सामने प्रस्तुत किया जायेगा जिसमें मेरी दैनिक जीवन की भावनाएं काव्य के रुप में आपके सामने प्रस्तुत किए जायेंगें।
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