मेरे अवचेतन मन की यादों में रहती है,
अतीत की दुनिया।
मेरे बचपन की यादें,मेरे जीवन के हर पल
के अहसास की दुनिया।।
वो मेरे मां की ममता का आंचल ।
मेरे पिता के सपनों का अतीत का कल।
नदियां में बहता वह जल ।
जो कल यहां था होगा कहां उसका कल।।
मेरे अपनों के प्यार की दुनिया।
अनुपम संस्कृति और संस्कार की दुनिया।
मेरी पुरानी यादें बन रह गई।
मानव की मानवतावादी दुनिया।।
जो खड़े रहते आंधियों में कठोर कानन की तरह।
हिला ना सका कोई तूफान बिखरते रिश्तों की तरह।
अब वे दिन केवल याद बनकर रह गए हैं।
हम याद करते हैं उन्हें अमिट सपनों की तरह।।
विश्वास की बरसात होती थी अब बौछारें भी नहीं आती।
उस मूसलाधार बारिश की यादें आंखें नम कर जाती ।
एक बूंद लहु की कीमत होती इंसानों के दिल में।
आज उनकी पीढियां रक्त की सरिता बहाती।।