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मैं क्या हूं

24 दिसम्बर 2022

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मैं क्या हूं मुझे खुद भी पता नहीं।
मेरी जिंदगी का मकसद क्या मैं बाकिफ नहीं।
तमन्नाओं का पहाड़ खड़ा कर रखा है।
संघर्षों के पथ में बढ़ता नहीं।।

थोडी सी मुश्किलों से विचलित हो जाता हूं।
इसलिए लोग मुझे विचलित करते हैं।
मेरी ताकत को आजमाते हैं लोग,
बल्कि मुझसे लोग डरते हैं।।

मैंने जीवन में क्या हासिल किया।
उत्तर नहीं है इन सवालों का।
मूल्यांकन करूं मन के दर्पण में,
मैं तरू हूं पतझड़ वाली डालों का।।


मैं चाहता हूं किसे।
जब मेरा कोई है ही नहीं।
मैंने परख लिया मुसीबत में।
मुसीबतों के साथ स्वार्थ चलता ही नहीं।।


मैंने तो दुनिया पर नियंत्रण करने की सोची।
लेकिन लोगों ने बढ़ने नही दिया।
जब भी आगे निकलने लगा।
पैर पकड़ खींच लिया।।


मैं सोचता हूं मै सुंदर और सदाचारी हूं।
मैंने दर्पण में देखा तो भूल गया।
मेरे अंदर की कमियां नजर आई।
तो सोच के सागर में डूब गया।


शब्द mic
20
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लफ्जों के अल्फाज
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इस पुस्तक माध्यम से मेरे दैनिक विचारों का संगम आपके सामने प्रस्तुत किया जायेगा जिसमें मेरी दैनिक जीवन की भावनाएं काव्य के रुप में आपके सामने प्रस्तुत किए जायेंगें।
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