कुछ माह पहले जम्मू कश्मीर में बाढ़ आई थी । सेना ने जीतोड़ मेहनत किया , करीब 10 लाख लोगो को बचाया । बस एक गलती कर दी , कुछ गद्दारो को भी बचा लिया | उन्ही गद्दारो में से एक ने उन लड़को को शहीद घोषित कर दिया जिन्होंने सेना पर हमला किया था , जिनकी वजह से कर्नल एम एन राय शहीद हुए | अगर सेना ने उन गद्दारो को वही डुबो कर मार दिया होता तो आज ये नौबत ही न आती |
सभी को पता है की घाटी में अलगावादियों को अपना जनाधार खोने का डर है इसीलिए कभी ये बाढ़ पीडितो के सहायता के दौरान सेना के जवानो पर पत्थर फेंकते है तो कभी ऐसे बयान देते है |
लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी ५६ इंच का सीना क्यों नहीं फड़कता, गिलानी जैसे नाली के कीड़े खुला कैसे घुमते है, या फिर कही सरकारी मैन्युअल में ये तो नहीं लिखा की सरकार बनाने के बाद वोटबैंक की राजनीति जरूरी होती है , या फिर जम्मू कश्मीर में सरकार न बन पाने का डर सता रहा है |
कर्नल राय की बेटी का अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए वीडियो देखिये मोदी जी, और अगर ५६ इंच का सीना फड़क उठे तो इस मामले का संज्ञान लीजिये|
नोट ; आपिये और कांग्रेसी इस पोस्ट से दूर रहे क्यों की ये उनकी राजनीति के लिए नहीं लिखा गया है बल्कि आलोचना लिखी गयी है