दैनिक प्रतियोगिता की रचनाओं का संग्रह
0.0(0)
53 फ़ॉलोअर्स
16 किताबें
आलिया और दिया ईख के खेत में दो लङकियां चुपचाप गन्ने तोङ रहीं थीं। आलिया कुछ बारह साल की और दीया कोई ग्यारह साल की थी। वैसे आलिया, दीया से एक दरजा आगे पढती थी। पर दोनों में बहुत दोस्ती थी। दीया ज
समय की यात्रा विषय कुछ हटकर है है क्या समय की यात्रा क्या फायदा, क्या नुकसान चिंतन कुछ कर रहा हूं अगर मिल जाये वो ताकत कोई कला ऐसी इंसान कूद कर जा सके एक समय से दूसरे समय में कहते समय यात्रा इस
हिंदी भाषा व सरकारी नियम हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है। वैसे पहले एक बार मेने ऐसा ही लेख लिखा। तो किसी सज्जन ने बहुत खराब समीक्षा दीं। उनके अनुसार ऐसा कोई लिखित उल्लेख नहीं है कि हिंदी भा
मायके में करवा व्रत पांच रंग का पहन चोला याद पिया की करती हूं नयनों में भर अश्रु विंदु को विरह पीर में जलती हूं नित्य पिया की सहचरि हूं व्रत करवा का रखती हूं जोड़ अनंत में निज जीवन खुद को अनंत कर
मन में दीप जलाऊंघोर तिमिर है मन भीतरकाम, क्रोध, तृष्णाराग, द्वेष, पापबुद्धिकैसे तिमिर भगाऊंमन में दीप जलाऊंदीप कहाॅ ढूंढूं ऐसातिमिर भगाये मन भीतरआलोकित हो मन मेराआशाओं का पथ पकङेमन में दीप जलाऊंसंस्का