नबंबर २०२२ की डायरियों का संग्रह
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डायरी दिनांक १४/११/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । यदि यादों की बातों को लिपिबद्ध करना हो तब क्या सभी बातों को सही सही लिखा जा सकता है। समय के साथ बहुत सी बातें दिमाग से
डायरी दिनांक १५/११/२०२२ रात के आठ बज रहे हैं। आज का दिन कुछ परेशानियों से भरा रहा। हालांकि जब गहराई से विचार करता हूं तब पाता हूँ कि सारे दिन ही कुछ इसी तरह के रहते हैं। जब मन की ब
डायरी दिनांक १६/११/२०२२ सुबह के सात बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । कल दिनांक १५/११/२०२२ की मेरी डायरी पढकर मेरे बहुत से सहलेखक मित्रों और बहनों ने चिंता व्यक्त की। सभी को लग रहा था कि मैं ब
डायरी दिनांक १७/११/२०२२ सुबह के सात बज रहे हैं। मुझे ध्यान है कि जब बाबूजी ने सिरसागंज में मकान बनबाना आरंभ किया था, उस समय वहां की गली कच्ची थी। आस पास ज्यादातर घर या तो कच्चे थे अथवा आ
डायरी दिनांक १८/११/२०२२ दोपहर के तीन बज रहे हैं। पुराने संस्मरणों के विवरण में मैंने कल अपने उन पड़ोसियों के विषय में बताया था जिनसे मेरा परिचय ठीक उस समय हुआ था जबकि बाबूजी मकान बनबा रह
डायरी दिनांक १९/११/२०२२ सुबह के सात बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । कल मैंने बताया था कि रूपा का विवाह होने के उपरांत घर में साफ सफाई और खाना आदि घरेलू काम करने की जिम्मेदारी उसके पिता को उठ
डायरी दिनांक २१/११/२०२२ दोपहर के तीन बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । रूपा की कथा को सुनकर किसी का भी विचलित हो जाना सामान्य ही है। साथ ही साथ इस कथानक में एक ममतारहित माता पिता के चरित्र की अ
डायरी दिनांक २२/११/२०२२ सुबह के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । मनुष्य किस क्षण कैसे निर्णय ले लेता है और उन निर्णयों को क्रियान्वित भी कर देता है, यह सोचकर ही आश्चर्य होता है। कभी मनुष्य
डायरी दिनांक २३/११/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज दिन भर व्यस्तता रही तथा कल के निर्धारित के अनुसार भी कल भी व्यस्तता रहेगी। पुरानी कथाओं में ऐसी पतिव्रता स्त्रियों
डायरी दिनांक २४/११/२०२२ रात के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । सच बोलने बाले को हमेशा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जबकि चिकनी चुपड़ी सुनाने बालों को बड़ा आराम मिलता है। यह कोई आज की स
डायरी दिनांक २५/११/२०२२ शाम के छह बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । कल की डायरी में बिटोला दाई के विषय में बताया था। भारतीय समाज में आज कल ऊंच नीच की बातें बहुत कम रह गयी हैं। पर मेरे बचपन के समय
डायरी दिनांक २६/११/२०२२ रात के आठ बज रहे हैं। महाभारत की कथा में जिस पात्र की सबसे अधिक चर्चा होती रही है, वह कुंती का ज्येष्ठ पुत्र कर्ण है। कर्ण जो स्वयं एक देव पिता और क्षत्रिय माता क
डायरी दिनांक २७/११/२०२२ शाम के तीन बजकर पचपन मिनट हो रहे हैं । आज अल्ट्रासाउंड कराया तो पाया कि किडनी में फिर से पथरी बन रही है। शायद यह एक बड़ी प्रक्रिया है। अथवा एक बार पथरी बनने लगे त
डायरी दिनांक २८/११/२०२२ शाम के छह बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं । कल बेसाब ताऊजी के बारे में लिखना आरंभ किया था। आरंभ में तो ताऊजी कितने ही साल सिरसागंज के मकान में रहे। इस बीच उन्हो
डायरी दिनांक २९/११/२०२२ शाम के पांच बजकर पैंतीस मिनट हो रहे हैं । कल बेसाब ताऊ जी की जिन बातों से डायरी का समापन किया था, उसके आगे की बातें आज लिख रहा हूँ। उस समय तक मेरी आयु इतनी हो
डायरी दिनांक ३०/११/२०२२ शाम के सात बजकर पैंतीस मिनट हो रहे हैं । कुछ दिनों से मैं पुराने संस्मरणों को लिख रहा हूँ। जिस क्रम में मैं अपने अड़ोसी पड़ोसियों की गाथा लिख रहा हूँ। इस क्रम में