जुलाई २०२२ महीने की डायरियों का संग्रह
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डायरी दिनांक ०८/०७/२०२२रात के आठ बजकर पैंतीस मिनट हो रहे हैं । आज नवीन अधिकारी ने बहुत देर तक मुझसे वार्तालाप किया। जिसमें मेरे हिस्से के कार्यों के साथ साथ सहभागिता के कार्यों पर भी चर्चा हुई।
डायरी दिनांक १०/०७/२०२२ शाम के छह बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । कल बहुत ज्यादा लेखन किया पर आज रविवार के अवसर कुछ भी लेखन नहीं हो पाया। एक साहित्यिक काम लगभग पूर्ण होने को है, पर उस
डायरी दिनांक १४/०७/२०२२ शाम के छह बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । एक बार स्वामी रामसुखदास जी महाराज ने कहा कि महाराज। यह मन बड़ा चंचल है। पूजा करने में, साधना करने में, मन लगता नहीं है। स्वाम
डायरी दिनांक १५/०७/२०२२ शाम के छह बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । उपन्यास पुनर्मिलन में इस समय श्री कृष्ण जी और राधा जी के विवाह के प्रसंग के साथ साथ भगवान जगन्नाथ रूप धारण करने की पृष्ठभूमि पर
डायरी दिनांक १६/०७/२०२२ शाम के छह बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । एक मेले में एक शो लगा। घोषणा की गयी कि ऐसा शो आपने कभी नहीं देखा होगा। और क्या देखा, यह कोई मुख से बता ही नहीं
डायरी दिनांक १९/०७/२०२२ रात के आठ बजकर दस मिनट हो रहे हैं । कभी कभी एक समस्या समाप्त नहीं होती, उससे पहले ही दूसरी समस्या आरंभ हो जाती है। अब गुर्दे की पथरी का दर्द बंद है तो दाड़ में दर
डायरी दिनांक २२/०७/२०२२ सुबह के आठ बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं । कल डायरी लेखन नहीं किया था। परसों शाम को गुर्दे की पथरी का दर्द बढा। घंटों परेशानी के बाद भी पथरी निकली नहीं। जौ के पानी
डायरी दिनांक २९/०७/२०२२ शाम के सात बजकर पैंतालीस मिनट हो रहे हैं । दिनांक २५/०८/२०२२ के बाद आज डायरी लिख रहा हूँ। क्योंकि वैशालिनी के भाग पूरे करने हैं। तथा हर भाग को लिखने में समय लगता है। बीच