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मन में दीप जलाऊं

23 अक्टूबर 2022

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मन में दीप जलाऊं

घोर तिमिर है मन भीतर
काम, क्रोध, तृष्णा
राग, द्वेष, पापबुद्धि
कैसे तिमिर भगाऊं

मन में दीप जलाऊं

दीप कहाॅ ढूंढूं ऐसा
तिमिर भगाये मन भीतर
आलोकित हो मन मेरा
आशाओं का पथ पकङे

मन में दीप जलाऊं

संस्कारों का दीप बनाऊं
प्रभु भक्ति की बाती पाऊं
तेल बनाऊं प्रेम तत्व को
मन का तिमिर भगाऊं

मन में दीप जलाऊं 

दिवा शंकर सारस्वत 'प्रशांत' 

कविता रावत

कविता रावत

बहुत सुन्दर रचना, . आपको सपरिवार दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

23 अक्टूबर 2022

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मन में दीप जलाऊं

23 अक्टूबर 2022
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मन में दीप जलाऊंघोर तिमिर है मन भीतरकाम, क्रोध, तृष्णाराग, द्वेष, पापबुद्धिकैसे तिमिर भगाऊंमन में दीप जलाऊंदीप कहाॅ ढूंढूं ऐसातिमिर भगाये मन भीतरआलोकित हो मन मेराआशाओं का पथ पकङेमन में दीप जलाऊंसंस्का

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