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धीरज दास की पुस्तकें

मैं आज का घनानंद

मैं आज का घनानंद

प्रस्तुत शीर्षक "मैं आज का घनानंद" एक सत्य घटना पर आधारित एक कविता है जिसमे एक युवक के मन में अपने एक मित्र प्रति प्रेम की भावना होती है। वह अपने आप को घनानंद और अपने मित्र को सुजान के समान समझते हुए अपने मन में उठ रही भावनाओं, प्रेम में मग्न

निःशुल्क

मैं आज का घनानंद

मैं आज का घनानंद

प्रस्तुत शीर्षक "मैं आज का घनानंद" एक सत्य घटना पर आधारित एक कविता है जिसमे एक युवक के मन में अपने एक मित्र प्रति प्रेम की भावना होती है। वह अपने आप को घनानंद और अपने मित्र को सुजान के समान समझते हुए अपने मन में उठ रही भावनाओं, प्रेम में मग्न

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