समाज की बेहतरी के लिए जो सम्भव हो वो करना ही मेरा शगल है।
निःशुल्क
<div>"कैसी हो ममता?"-फोन पर उधर से नवीन की आवाज सुनकर ममता का रोम रोम खिल उठा।</div><div><br></div><