24 दिसम्बर 2019
दिन सर्दी के भीने भीने भोर सुहानी रेशम जैसे।माँ की ममता जेसे मीठी सर्दी के दिन भी हैं वैसे। धूप सुहानी सर्दी की यह थिरक रही आँगन में ऐसे। फूल-फूल पर मंडराती है नन्हीं मुन्नी तितली जैसे। इसकी छुअन बड़ी अलबेली छू लेती है मन को ऐसे।गंगा-जल