सागर के पापा गुस्से में: सागर तुम यहाँ क्या कर रहे हो?सागर: पापा, वो लंच कर रहा हूँ।प्रेम: वो मैंने ही जोर दिया था।सागर के पापा: प्रेम, तुमसे बात पूछी मैंने, और सागर, तुम्हें पता है मुझे ये सब पसंद नह
मोक्ष की राह खोजने निकले थे , पर अंतिम गति का मार्ग मिला। कौन है इसका जिम्मेदार मौतों का, हाथरस का मंजर दर्दनाक हुआ।। मासूमों की जान गई, बूढ़े, बच्चे, नारी शक्ति । कैसी यह भूल हुई वहां पर, वहां