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डॉ. शैलेन्द्र कुमार का जन्म सन 1965 में बथनाहा, सीतामढ़ी बिहार में हुआ । आरंभिक शिक्षा वहीं गांव में ही हुई । बाद में बिहार विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक करके उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आ गए । आपने अनेक विषयों —विज्ञान, हिन्दी तथा रूसी भाषा व साहित्य, प्रबंधन, अथर्शास्त्र तथा संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू एवं स्पेनिश भाषाओं का अध्ययन किया है और दो बार स्नातक, चार बार परास्नातक और अंततः अथर्शास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है । आपको देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों —जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय एवं भारतीय विदेश व्यापार संस्थान तथा ब्रिटेन के सेंसेक्स विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला | वर्ष 1992 की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीण करके आप केंद्रीय सचिवालय सेवा से जुड़े और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों —वणिज्यक मंत्रालय, व प्रशिक्षण विभाग, संघ लोक सेवा आयोग, अधिक मामले विभाग, स्वास्थ्य मंत्रालय, प्रसार भारती आदि में अनेक पदों पर कार्य करते हुए सम्प्रित वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं| पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से आप लेखन कार्य से जुड़े हुए हैं । आपका लेखन क्षेत्र व्यापक है। आरंभ में आप अधिक एवं भाषाएँ विषयों पर ही लिखते थे। पर बाद में ,सामाजिक सांस्कतिक और अधिक विषयों पर भी लिखने लगे । इन दिनों भारतीय संस्कृत तथा इब्राहमी मजहबों पर लिख रहे हैं । सन 2000 में आपकी पहली पुस्तक “विश्व व्यापार संगठन : भारत के परिप्रेक्ष्य में ” राजकमल द्वारा प्रकाशित हुई जिसे दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया । सन 2005 में अंग्रेजी में “Trade in Services: Advantage India” प्रकाशित हुई । इसके बाद विश्व व्यापार संबंधी दो पुस्तकों में आंशिक रूप से योगदान किया । ये पुस्तकें 2006 तथा 2007 में क्रमशः CENTAD-OXFAM तथा UNCTAD-ADB के

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डॉ. शैलेन्द्र कुमार के आर्टिकल

डॉ. शैलेन्द्र कुमार के आर्टिकल

डॉ. कुमार ने 1992 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करके और प्रशिक्षण प्राप्त करके भारत सरकार में पदासीन हुए ।

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41 common.articles

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डॉ. शैलेन्द्र कुमार के आर्टिकल

डॉ. शैलेन्द्र कुमार के आर्टिकल

डॉ. कुमार ने 1992 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करके और प्रशिक्षण प्राप्त करके भारत सरकार में पदासीन हुए ।

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1857 की क्रांति की 160वीं जयंती

28 मई 2022
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आज ही के दिन ठीक एक सौ साठ साल पहले यानी 10 मई 1857 को जिस ऐतिहासिक क्रांति का सूत्रपात मेरठ से हुआ वह कई अर्थों में विलक्षण थी । क्रांति का क्षेत्र व्यापक था और इसका प्रभाव लम्बे समय तक महसूस किया गय

भारत-अफ्रीका के गहराते संबंध और इनके निहितार्थ

28 मई 2022
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भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मलेन के तीसरे संस्करण का आयोजन 26 से 29 अक्टूबर 2015 तक नई दिल्ली में होने जा रहा है। सभी 54 अफ़्रीकी देशों को निमंत्रण देकर भारत सरकार ने अफ्रीका से अपने संबंधों को आगे ले जा

क्यों बार बार संकट आता है मालदीव पर ?

28 मई 2022
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पिछले कुछ दिनों से मालदीव में राजनीतिक घटना क्रम बहुत तेजी से बदल रहा है। हुआ यह कि वहाँ के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश तथा एक न्यायाधीश को गिरफ़्तार

नेताजी का अमूल्य योगदान इतिहासकारों का मोहताज नहीं

28 मई 2022
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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू की तरह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के पहली पंक्ति के नेता थे। पर अपने आप को भारत माता पर उत्सर्ग करने की आतुरता में उनकी तुलना शहीद भगत सिंह जैसे वीरों

क्यों नहीं मिल रहा रोजगार युवाओं को?

28 मई 2022
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उन्नीस सौ नब्बे के दशक में आरंभ हुए आर्थिक उदारीकरण के परिणामस्वरूप माना जाता है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर में अभूतपूर्व तेजी आई। जबकि आजादी के बाद से 1980 तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर औसतन सिर्फ 3.5

क्यों बार बार संकट आता है मालदीव पर?

28 मई 2022
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पिछले कुछ दिनों से मालदीव के संकट में आ जाने के कारण वहाँ का राजनीतिक घटना क्रम बहुत तेजी से बदल रहा है। हुआ यह कि वहाँ के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश

हिंदी साहित्याकाश में सूर्य की तरह चमकने वाले ‘दिनकर’

28 मई 2022
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हिंदी साहित्याकाश में सूर्य की तरह चमकने वाले सचमुच में दिनकर ही थे। रामधारी सिंह दिनकर में साहित्य सर्जन के गुण नैसर्गिक रूप से विद्यमान थे। इसलिए आश्चर्य नहीं कि केवल पंद्रह वर्ष की आयु में ही उनका

हवाई यात्रा के लिए बिहार देश का छाया प्रदेश

28 मई 2022
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किसी भी देश के विकास में यातायात और उसमें भी वायु यातायात का योगदान अन्यतम है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने एक अध्ययन के हवाले से बताया है कि किस तरह वायु सेवा से तेजी से आर्थिक विकास सम्भव होता है।

पाकिस्तान में जनसंख्या विस्फोट के निहितार्थ

28 मई 2022
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पिछले दिनों करीब दो दशक बाद पाकिस्तान की छठवीं जनगणना सम्पन्न हुई। इसके अनुसार आज पाकिस्तान की जनसंख्या 20 करोड़ 78 लाख है। 1998 में की गई पिछली जनगणना में पाकिस्तान की जनसंख्या लगभग 13 करोड़ थी और उस

शैक्षणिक संस्थानों का देश के विकास में योगदान

28 मई 2022
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आधी सदी पहले ही अर्थशास्त्रियों ने किसी भी देश के आर्थिक विकास में शिक्षा के महत्व को समझ लिया था। बाद में यह विचार फैलने लगा कि शिक्षा किसी भी व्यक्ति को स्थायी रूप से परिवर्तित कर देती है और उसे मान

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