सच सेवानिवृत्त्ति के बाद एक शिक्षक को चुपचाप कभी नहीं बैठना चाहिए बल्कि उन्हें समाज में अपना ज्ञान का प्रकाश फैलाने के लिए आगे बढ़कर काम करना चाहिए, इसी में शिक्षक जीवन की सार्थक छिपी है
यह एक कविता संग्रह है। जिसको हमने "दीप का कविता संग्रह" नाम दिया है। इसमें हमने हमारे समाज , प्रकृति और आसपास होने वाली घटनाओं को कविता का रूप दिया है। इस काव्य संग्रह की रचनायें किसी विशेष भाव से प्रेरित नहीं हैं।इस कविता संग्रह में हर प्रकार के भाव की रचनायें संग्रहित हैं और यह कविता संग्रह जीवन के विविध रँगों से सराबोर है।