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एकतरफा मोहब्बत

28 नवम्बर 2019

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खामोश रहता हूँ मै

अब कलम को आवाज बनाता हूँ

बदली अंदाज ए जिंदगी

अब जज्बातों को अल्फाज़ बनाता हूँ

तुझे दिल से यूँ भुला देना

आसान नहीं था ए जिंदगी

लफ्जो को सजाकर हर रोज

अब मुमताज बनाता हूँ

😍😍😍

कतरा कतरा बुनकर

अब अक्षर का ताज बनाता हूँ

ज़र्रा ज़र्रा टूटकर

अब जिंदगी का नया साज बनाता हूँ

रूह तलक काँप गयी थी

तेरे रूठने से ए जिंदगी

आलम समझना जिंदगी

अब शब्दो मे गहरे राज छिपाता हूँ

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