मन की गठरी-
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'मन की गठरी'मेरी काव्य संग्रह की तीसरी कड़ी है।इस संग्रह में मन के कोने में पड़े विचारों को शब्दबद्ध कर उन्हें तर्कपूर्ण तथा संवेदनशील करके परोसने का प्रयास किया गया है।मन में विचार पैदा होते रहते हैं उनविचारों को लोगों के मन के अनुकूल बनाने का प्रयास मात्र है 'मन की गठरी'। यह संग्रह सही मायने में विचारों की गठरी ही है जिसे हर मानव अपने मन में रखे या उठाये फिरता रहता है।
इसकेपहलेयोरकोट्सपर'शब्दकलश'तथाशब्दइन'काव्यवाटिका'और 'मन की कोठरी से'आन लाईन प्रकाशित हैं।मेरी कविताएं 'ब्लूपैड तथा प्रतिलिपि पर भी प्रकाशित हो रही हैं।
लिखना मेरी आदत है।मेरी रचनाएं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। आकाशवाणी गोरखपुर से भी मेरी रचनाओं का प्रसारण अनेक बार हो चुका है।
आशा है आपको मेरी रचनाएं रुचिकर लगें।आलोचनाएं एवं विचार रचना को परिष्कृत करते हैं।