नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा को जाती है हिमालराज के घर मे जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा देवी अत्यंत मनमोहन गौर वर्ण लिए हुए है देवी का स्वरूप अत्यंत सौम्य है । मस्तक पर लाल चंदन का लेप लगा हुआ है । देवी के तीन नेत्र है । देवी अत्यंत मर्दुभाषी है और उनके कोमल अंगों की प्रभा से प्राकृति आनंदित हो रही है देवी अत्यंत शिघ्र प्रसन्न होने वाली है देवी अपने हाथों में त्रिशूल और कमल धरण किये हुए है देवी का वाहन वृषभ है । यह देवी भक्तो पर अत्यंत शिघ्र प्रसन्न हो जाती है । देवी स्वेत वस्त्र धारण करती है । देवी स्वताम्बरा है । प्रथम दुर्गा देवी शैलपुत्री है इसको प्रथमा के नाम से भी जाना जाता है । देवी ने अपने कर्ण में गुंजा के फूल धरण किये है और कुमुदिनी की माला देवी के लगे में सुशोभित हो रही है । देवी प्रकृति का ही स्वरूप है समस्त जगत में तो प्रकृति की उत्तप्ति है वह देवी से संचालित है ।